एमएसएमई प्रतिस्पर्धी (लीन) योजना पर कार्यशाला सम्पन्न, लीन तकनीक से उद्यमों को मिलेगा नया आयाम

जन एक्सप्रेस पीलीभीत : भारत सरकार के डीपीआईआईटी, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय द्वारा संचालित एमएसएमई प्रतिस्पर्धी (लीन) योजना के तहत शुक्रवार को होटल सिल्वर लीफ में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाधिकारी ज्ञानेन्द्र सिंह ने की। कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद, कानपुर एवं राइस मिल एसोसिएशन, पीलीभीत के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
कार्यशाला में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की डिप्टी डायरेक्टर प्रीति गंगवार ने लघु एवं मध्यम उद्यमों के संचालकों से लीन तकनीक को अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से उत्पादन की गुणवत्ता, लागत नियंत्रण और समयबद्ध आपूर्ति जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय सुधार संभव है।
जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि एमएसएमई इकाइयों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के अनुकूल बनाने हेतु लीन तकनीक एक उपयोगी उपकरण है। इससे न केवल उत्पादन लागत घटती है, बल्कि संसाधनों का बेहतर उपयोग कर उत्पादकता में भी वृद्धि होती है। उन्होंने लीन तकनीक की विभिन्न विधियों जैसे कचरा नियंत्रण, मशीनों का रखरखाव, उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार तथा समय पर डिलीवरी पर विस्तृत प्रकाश डाला।
कार्यशाला में राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने उद्यमियों को इस योजना का अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह करते हुए कहा कि भारत सरकार का उद्देश्य उद्यमों को आत्मनिर्भर और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है।
कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों ने दृश्य संकेतकों, मानक संचालन प्रक्रिया, जस्ट इन टाइम, सेलुलर लेआउट और उत्पादन नियंत्रण प्रणाली जैसे विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने इन उपायों को अपनाकर उद्यमों की कार्यकुशलता और लाभप्रदता बढ़ाने के सुझाव दिए।
इस अवसर पर उपायुक्त जिला उद्योग केंद्र संजय कुमार, सीए वैभव अग्रवाल सहित जनपद के प्रमुख राइस मिलर एवं उद्यमी अजमेर सिंह छीना, मनोज खंडेलवाल, ब्रजेश गुप्ता, अशोक खंडेलवाल, राजीव अग्रवाल, राजीव गुप्ता, नितीश अग्रवाल, शरद अग्रवाल, रितेश अग्रवाल, अमरजीत सिंह आदि उपस्थित रहे।
कार्यशाला के अंत में उपस्थित उद्यमियों ने सरकार की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि लीन तकनीक के क्रियान्वयन से औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलेगी।