
जन एक्सप्रेस/देहरादून/रुड़की : देश में साइबर ठगों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामलों में तीन अलग-अलग ठगी की वारदातों में साइबर अपराधियों ने एक वरिष्ठ नागरिक सहित तीन लोगों से कुल 1.11 करोड़ रुपये की ठगी को अंजाम दिया है। सोशल मीडिया, फर्जी कस्टम एजेंट, गूगल सर्च और फाइनेंस से जुड़े झूठे वीडियो के जरिए ठगों ने इन शिकारों को जाल में फंसाया।
“गिफ्ट भेज रही हूं” — फेसबुक फ्रेंड ने उड़ाए 29 लाख!
पटेलनगर के पथरीबाग निवासी लखी राम को फेसबुक पर “जैन्सन हेलेना” नामक एक महिला ने फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी। खुद को एम्सटर्डम की जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी में सीनियर मैनेजर बताने वाली महिला से लगातार बात शुरू हो गई। फिर कहा गया कि वह जन्मदिन पर गिफ्ट भेज रही है, और भारत पहुंचने पर लोकल एजेंट संपर्क करेगा।
16 जून को एक फर्जी “कस्टम एजेंट” ने मुंबई से कॉल कर स्कैनिंग फीस, ड्यूटी टैक्स, क्लियरेंस चार्ज, जीएसटी आदि के नाम पर उनसे अलग-अलग किश्तों में कुल 24 लाख रुपये वसूल लिए। जब उन्होंने गूगल से साइबर हेल्पलाइन ढूंढकर मदद मांगी, तो उल्टा वहां से धमकाकर 5 लाख और वसूल लिए। इस तरह लखी राम से कुल 29 लाख रुपये की ठगी हुई।
61 लाख रुपये गंवा दिए, क्योंकि मंत्री जी कह रहे थे “21 हजार दो, साढ़े छह लाख लो”
रुड़की निवासी वरिष्ठ नागरिक मुनेश कुमार ने 7 मई को गूगल पर निवेश की जानकारी सर्च की। वहां उन्हें एक फेसबुक पेज मिला जिस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का फर्जी वीडियो चल रहा था। वीडियो में दावा किया गया कि “21 हजार निवेश करो, 7 दिन में 6.5 लाख पाओ”। इस झांसे में आकर उन्होंने दिए गए लिंक से “रजिस्ट्रेशन” किया और फिर एक कॉल आया। उन्हें बताया गया कि क्रिप्टोप्रोमार्केट से बात हो रही है और आगे निवेश करते रहें। इस तरह उन्हें अलग-अलग तिथियों में फोन और लिंक भेजकर बार-बार पैसे मंगाए गए। कुल 61.21 लाख रुपये की ठगी हुई, लेकिन न तो निवेश रिटर्न मिला, न ही कोई पैसा वापस।
बैंक से पेंशन लोन लिया और सब खाली! 21 लाख रुपये लुटा बैठे
एक और चौंकाने वाली घटना में एक पीड़ित ने 7 जुलाई से 11 जुलाई के बीच अपने सभी बैंक खातों और एफडी खातों से रकम निकालकर कुल 21.30 लाख रुपये साइबर ठगों को ट्रांसफर कर दिए। पीड़ित ने बताया कि उन्होंने पेंशन लोन तक लिया और धीरे-धीरे सब ट्रांसफर कर दिया। बाद में समझ आया कि ये सब एक ठगी का हिस्सा था। पीड़ित ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है।
सावधान! गूगल सर्च, फेसबुक फ्रेंड, लिंक क्लिक — सब बन रहे हैं ठगी के रास्ते
इन मामलों ने साफ कर दिया है कि साइबर ठग अब किसी एक तरीके से नहीं, बल्कि सोशल मीडिया, गूगल सर्च, फेक वीडियो, कॉल, ऐप और हेल्पलाइन तक को जाल बना रहे हैं। लोगों से अपील है कि अनजान लिंक पर क्लिक न करें। गूगल पर हेल्पलाइन नंबर सर्च न करें। सोशल मीडिया पर अजनबी से निजी जानकारी साझा न करें। कोई भी स्कीम “बहुत अच्छा” लग रही हो, तो समझिए उसमें फरेब है।






