कानपुर

कुशाग्र हत्याकांड: हत्यारोपी के परिजनों ने कुशाग्र के चाचा को दी धमकी, मुकदमा

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कानपुर। रायपुरवा थाना क्षेत्र के आचार्य नगर निवासी थोक कपड़ा व्यापारी के पुत्र कुशाग्र की हत्या के मामले में नया मोड़ आ गया है। चार दिन पूर्व मुकदमे में मुख्य आरोपी प्रभात शुक्ला के चाचा ने उस समय कुशाग्र के चाचा को कचहरी में जान से मारने की धमकी दी थी जब कोर्ट पर गवाही चल रही थी। जिसके बाद मामले की शिकायत एडिशनल सीपी से करते हुए सुरक्षा की मांग की गई थी। एडीसीपी ने जांच विजिलेंस को सौंपी थी। जांच के बाद पुलिस ने इस मामले में कुशाग्र के चाचा की तहरीर पर हत्यारोपी प्रभात के चाचा के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

रायपुरवा थाना क्षेत्र के आचार्य नगर निवासी थोक कपड़ा कारोबारी मनीष कनोडिया के बेटे कुशाग्र कनोडिया की 30 अक्टूबर 2023 को अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद फिरौती की मांगी थी। कुशाग्र के अपहरण की साजिश ट्यूशन पढ़ाने आने वाली ट्यूटर रचिता वत्स ने अपने प्रेमी प्रभात शुक्ला और उसके दोस्त शिवा के साथ मिलकर रचा था।
देर रात तक कुशाग्र के घर न पहुंचने पर परिजनों ने तलाश शुरू की। मोबाइल पर फोन करने के दौरान स्विच ऑफ बता रहा था। परिजनों की चिंता काफी बढ़ गई थी। उधर अपहरणकर्ताओं की ओर से फिरौती के लिए कुशाग्र को टॉर्चर करने के दौरान मौत हो गई। इसके बाद भी

हत्यारोपियों ने परिजनों से फिरौती मांगी थी, लेकिन फिरौती का पत्र घर में डालते समय अपार्टमेन्ट के गार्ड ने ट्यूटर की स्कूटी पहचान ली थी। फिरौती का पत्र डालने के समय हत्यारोपियों के चेहरे सीसीटीवी में कैद हो गए थे। पत्र मिलने के बाद परिजन काफी परेशान हो गए और पुलिस को इसकी सूचना दी। जिसके बाद पुलिस में आई और छानबीन शुरू कर दिया था। अपार्टमेंट के गार्ड से पूछताछ करने के साथ पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज कंगाले थे। गार्ड ने पुलिस बताया कि ट्यूटर की स्कूटी से दो युवक आए थे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर वारदात का खुलासा करते हुए ट्यूटर, उसके प्रेमी और प्रेमी के दोस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कुशाग्र की हत्या को लेकर लोगों ने व्यापारियों के साथ मिलकर एक लंबा आंदोलन चलाया था। यही नहीं कुशाग्र हत्याकांड के खुलासे को लेकर गुजरात के सूरत और मथुरा में भी आंदोलन चलाया गया था। इसके बाद पुलिस ने मामले को काफी गंभीरत से लेते हुए आरोप पत्र न्यायालय पर दाखिल कर सुनवाई की अपील की थी। इस समय मामले की सुनवाई अदालत पर चल रही है। 8 जुलाई को मामले में गवाहों के बयान हो रहे थे। इस मामले में कुशाग्र की तरफ से मामले की पैरवी उसके चाचा लखनऊ निवासी सुमित कनोडिया कर रहे हैं। सुमित कनोडिया ने एडिशनल सीपी कानून व्यवस्था हरीश चंदर को तहरीर देकर बताया था कि सोमवार को एडीजे (सप्तम) त्रिपुरारी मिश्रा की कोर्ट में उनके चाचा संजय कनोडिया की गवाही थी। इसकी पैरवी के लिए वह अपने बड़े भाई मनीष के साथ कोर्ट पहुंचे
थे।

भीतर संजय की कोर्ट में गवाही चल रही थी। उस दौरान वह और उनके बड़े भाई कुशाग्र के पिता मनीष कनोडिया कोर्ट के बाहर खड़े थे। उसी दौरान हत्याकांड के मास्टरमाइंड प्रभात के चाचा रामू शुक्ला पांचवी मंजिल में किसी से फोन पर बात करते हुए कह रहे थे कि तुम परेशान न हो। तुम मेरे ऊपर से अपना हाथ न हटाना, हम सबको निपटा देंगे। इसके बाद फोन बंद करने के बाद बेवजह गालीगलौज शुरू कर दिया। इसका विरोध करने पर रामू ने उग्र होते हुए देख लेने की धमकी दी थी। एसीपी ने मामले की जांच बिजनेस से कराने के बाद मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच के बाद कोतवाली पुलिस ने शुरू कर दी है। हत्यारोपी के चाचा को नामजद किया गया है। पीड़ित पिता और चाचा ने सुरक्षा की मांग की है। चाचा का कहना है कि वह लोग अभी तक कुशाग्र के उस दर्द से उबर तक नहीं पाएं हैं। लेकिन मास्टरमाइंड प्रभात के चाचा और पिता धमकियां दे रहे हैं।

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