कांग्रेस के साथ जुड़े पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी
विधानसभा चुनाव के लिए कई दल अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर रहे है। उम्मीदवारों के नामों का ऐलान होने के बाद अब पार्टियों में बगावत के सूर भी देखने को मिल रहे है। इसी कड़ी में अब भाजपा के पूर्व नेता और कर्नाटक के पूर्व उप मुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने 14 अप्रैल यानी शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया है। इसकी पुष्टि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार भी कर चुके है।
सावदी को बीजेपी ने अथानी निर्वाचन क्षेत्र से टिकट नहीं दिया था जिससे नाराज होकर उन्होंने विधान परिषद के सदस्य और भाजपा की प्राथमिक सदस्तया से इस्तीफा दिया था। इसके बाद उन्होंने अब कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया है। सावदी अथानी विधानसा से तीन बार चुने जा चुके है। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में वह कुमाथल्ली (तब कांग्रेस में) से हार गए थे। कुमाथल्ली पाला बदलने वाले कांग्रेस के उस समूह में शामिल थे, जिसने कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन की सरकार को गिराने और 2019 में बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व में सरकार बनाने में मदद की थी।
इसके बाद अब बीजेपी के नेताओं के भी कई बयान सामने आने लगे है। सावगी द्वारा कांग्रेस पार्टी का दामन थामे जाने के बाद बीजेपी ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा के कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि चुनाव हारने के बाद भी पार्टी ने उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया। इसके साथ ही उन्हें एमएलसी बनाया गया था। इसके बाद भी वो ऐसी पार्टी में गए हैं जहां नेता दो गुटों में बंटे हुए है। ये गलती है जिससे उन्हें बाद में पछताना पड़ेगा। बता दें कि सावदी के अनुरोध को नजरअंदाज करते हुए भाजपा ने इस सप्ताह की शुरुआत में बेलगावी जिले की अथानी सीट मौजूदा विधायक महेश कुमाथल्ली को दे दी थी।
इस मामले पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा कि हमने सावदी को सबकुछ दिया था। मुझे नहीं पता कि वो इस तरह से दुखी क्यों है। मुझे नहीं पता कि उन्होंने इस तरह का फैसला क्यों लिया है। मैंने उनसे संपर्क करने की कोशिश भी की मगर उनसे संपर्क नहीं हो सका है।
सीएम बोम्मई ने दी थी सलाह
बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पार्टी में हुई बगावत को लेकर कहा था कि 189 उम्मीदवारों के नाम क्षेत्रों में सहमति मिलने के बाद तय किए गए है। कुछ लोग सूची से वर्तमान में सहमत नहीं हैं जिनसे चर्चा की जाएगी।