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फेसबुक विज्ञापन के ज़रिए धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

गैंगेस्टर एक्ट का वांछित 10 हज़ार का इनामी समेत 7 शातिर गिरफ्तार

जन एक्सप्रेस/जौनपुर : थाना सरायख्वाजा पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। सोशल मीडिया पर ट्रैक्टर और भैंस बेचने के झूठे विज्ञापनों के ज़रिए लोगों को फंसाकर ठगी करने वाले अंतरजनपदीय गैंग के 7 शातिर अपराधियों को पुलिस ने दबोच लिया। इनमें गैंग का सरगना जितेन्द्र यादव भी शामिल है, जो गैंगेस्टर एक्ट का वांछित और ₹10,000 का इनामी अभियुक्त है। संयुक्त अभियान में थाना सरायख्वाजा पुलिस, सर्विलांस व स्वाट टीम द्वारा की गई कार्रवाई में गिरोह के कब्जे से ₹4200 नकद, REALME नार्जो मोबाइल फोन तथा एक अपाचे मोटरसाइकिल (UP62BH0152) बरामद की गई है।

फेसबुक पर देते थे फर्जी विज्ञापन, सुनसान जगह पर बुलाकर करते थे ठगी और मारपीट
गिरोह का सरगना जितेन्द्र यादव बीटेक पास है और उसने ही सोशल मीडिया पर झूठे विज्ञापन डालने और ठगी की पूरी योजना तैयार की थी। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह ट्रैक्टर व भैंस की बिक्री के बहाने लोगों को सुनसान जगह पर बुलाकर गैंग के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर उनसे पहले ऑनलाइन रकम मंगवाता और फिर मारपीट कर शेष रकम की मांग करता था।

इस गिरोह के विरुद्ध सरायख्वाजा, बक्सा, बदलापुर, महराजगंज, मवई (अयोध्या) समेत कई थाना क्षेत्रों में गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। अभियुक्तों पर गैंगेस्टर, आर्म्स एक्ट, धोखाधड़ी, मारपीट, अपहरण, हत्या की कोशिश, और संगठित अपराध से संबंधित दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं।

मुखबिर की सूचना पर मंदिर से हुई गिरफ्तारी
दिनांक 23 जुलाई को सरायख्वाजा पुलिस को सूचना मिली कि कुत्तूपुर चौराहा स्थित मंदिर पर कुछ अभियुक्त मौजूद हैं। तत्काल मौके पर पहुंची टीम ने घेराबंदी कर मौके से पाँच अभियुक्तों को पकड़ लिया, वहीं बाद में एक अपाचे बाइक पर सवार दो अन्य अभियुक्त भी वहीं पहुंचे जिन्हें भी पुलिस ने धर दबोचा।

पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
इस पूरे अभियान को सफल बनाने में थाना सरायख्वाजा के प्रभारी निरीक्षक विनय प्रकाश सिंह, अपराध निरीक्षक दिनेश कुमार सिंह, सर्विलांस टीम, स्वाट टीम के उपनिरीक्षक परवीन यादव (गामा) व रितेश द्विवेदी, तथा अन्य कर्मियों की भूमिका सराहनीय रही। पुलिस की इस कार्रवाई से आमजन में विश्वास बढ़ा है और ठगी करने वालों में खौफ पैदा हुआ है।

जौनपुर पुलिस की यह कार्रवाई न सिर्फ एक ठगी गैंग के पर्दाफाश की कहानी है, बल्कि सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाली आपराधिक गतिविधियों पर नकेल कसने का उदाहरण भी है। आमजन को भी चाहिए कि सोशल मीडिया पर किए जा रहे ऐसे प्रलोभनों से सतर्क रहें और किसी भी लेन-देन से पहले पूरी जानकारी की पुष्टि करें।

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