जी-20 सम्मेलन : गंगा के बीच टापू के सौंदर्यीकरण का काम रोका गया

ऋषिकेश । जी-20 शिखर सम्मेलन के तहत इस माह के अंतिम सप्ताह में त्रिवेणी घाट पर विदेशी मेहमान गंगा आरती में शामिल होंगे। इस आयोजन को यादगार बनाने के लिए सभी विभागों ने पूरी ताकत झोंक रखी है, जो अपने सभी निर्माण कार्यों को 20 जून तक पूरा कर लेंगे। इसकी मॉनिटरिंग के लिए उच्च स्तरीय अधिकारी त्रिवेणी घाट पर ही बैठेंगे, लेकिन गंगा के बीच टापू के सौंदर्यीकरण का काम रोक दिया गया है। यह निर्देश बुधवार को मुख्य विकास अधिकारी देहरादून झरना कमठान ने त्रिवेणी घाट का निरीक्षण करने के बाद दिए।
जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए त्रिवेणी घाट को भव्यता प्रदान की जा रही है। आरती स्थल के सामने गंगा के बीच टापू के सौंदर्यीकरण का कार्य जिलाधिकारी देहरादून के निर्देश पर किया जा रहा था, लेकिन अब यह काम स्थाई प्रवृत्ति का ना होने के कारण रोक दिया गया है। हालांकि शेष घाट पर काम जारी है। सिंचाई विभाग के अधिकारी इस मामले में साफ तौर पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि त्रिवेणी घाट में जहां नियमित आरती होती है, उसके सामने गंगा काफी दूर बहती है। सिंचाई विभाग की ओर से गंगा की मुख्यधारा से एक धारा निकाली गई है जो आरती स्थल के पास से होकर बहती है। ऋषिकेश में आरती के आयोजन की तैयारी का जायजा लेने के लिए जिलाधिकारी देहरादून तीन बार यहां आ चुकी हैं। उनका हमेशा से इस बात पर फोकस रहा है कि आरती भव्य हो और आरती स्थल के सामने टापू का विशेष सौंदर्यीकरण होना चाहिए।
उन्होंने निर्देशित किया था कि इस टापू पर लाइटिंग, फुलवारी और पेड़ पौधे आदि लगाए जाएं। इसके बाद से सिंचाई विभाग दिन रात इस काम को पूरा करने में जुटा हुआ था। कई मशीनें यहां लगाई गई थीं, जो टापू के लेबल को बराबर करने के साथ-साथ एकरूपता प्रदान करने का काम कर रही थीं। दो दिन पूर्व जिलाधिकारी सोनिका यहां का निरीक्षण करके गई थीं। उन्होंने 20 जून तक हर हाल में काम पूर्ण करने के निर्देश दिए थे। बीते सोमवार की शाम कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल यहां निरीक्षण करने पहुंचे थे। उन्होंने कार्यों में गुणवत्ता और स्थाई प्रकृति के काम करने के लिए कहा था।
बुधवार को त्रिवेणी घाट में टापू के सौंदर्यीकरण का कार्य रोक दिया गया है। टापू के ऊपर काम करने के लिए लगाई गई मशीनें अचानक खामोश हो गई हैं। यहां पर सीवर पंपिंग स्टेशन के पास गंगा की मुख्यधारा से पानी बैक मारने लगा और जहां काम चल रहा है वहां धारा में पानी आ गया। यहां काम पर लगी मशीनों का कुछ हिस्सा भी पानी में डूब गया। टापू के सौंदर्यीकरण का काम अचानक काम बंद होने से सभी लोग सकते में हैं। अब तक इस काम में सरकार के लाखों रुपये खर्च हो चुके हैं और काफी समय भी बर्बाद हो चुका है। हालांकि घाट में अन्य क्षेत्र का सौंदर्यीकरण के कार्य अन्य दिनों की तरह जारी है।
हालांकि इस बारे में अधिकारी साफ-साफ कुछ भी कहने से बच रहे हैं। सहायक अभियंता सिंचाई विभाग अनुभव नौटियाल का कहना है कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर अब टापू का सौंदर्यीकरण नहीं किया किया जा रहा है। शेष काम अपने निर्धारित समय में पूर्ण होगा। निरीक्षण के दौरान बिजली विभाग के एक्सईएन ने बताया कि जी-20 सम्मेलन के दौरान लगभग छह करोड़ की लागत से विद्युत के कार्य किए जा रहे हैं, जिसमें दो बड़े ट्रांसफार्मर भी लगाए गए हैं।






