गैंगस्टर का खेल खत्म! — महेश निषाद की जमानत अर्जी कोर्ट ने सिरे से खारिज की
उन्नाव में पुलिस की सख्ती रंग लाई, दबंग अपराधी को नहीं मिला राहत का सहारा

जन एक्सप्रेस शुक्लागंज उन्नाव: लंबे समय से पुलिस और प्रशासन की आंख की किरकिरी बना हिस्ट्रीशीटर गैंगस्टर महेश निषाद अब कानून के शिकंजे में पूरी तरह से फंस चुका है। गैंगस्टर एक्ट के तहत पंजीकृत मामले में कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिससे यह साफ हो गया है कि अब सत्ता का संरक्षण और बाहुबल, उसे जेल की सलाखों से नहीं बचा सकते।
गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज, कोर्ट ने दिखाया सख्त रुख
उन्नाव पुलिस द्वारा महेश निषाद के विरुद्ध उत्तर प्रदेश गिरोहबंद समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 की धारा 3(1) के तहत एफआईआर नंबर 0101 दर्ज की गई थी। इस मामले में कोर्ट ने महेश निषाद की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।
एक के बाद एक संगीन मुकदमे
महेश निषाद पर पूर्व में दर्ज कई संगीन मुकदमे उसकी आपराधिक मानसिकता की पोल खोलते हैं। इनमें शामिल हैं:
मुकदमा अपराध संख्या 189/2022 – धारा 302 (हत्या)
मुकदमा अपराध संख्या 0091 – धारा 143, 147, 376D, 354(ख), 323, 504, SC/ST एक्ट की धारा 3(2)(v)
मुकदमा अपराध संख्या 0198 – धारा 352, 351, 3(1)(द), 3(1)(ध)
महेश निषाद ने 1 मार्च 2025 को गैंगस्टर एक्ट में दर्ज ताजे मामले के बाद आत्मसमर्पण किया था। पुलिस की सक्रियता और सख्त कार्यवाही से अब उन्नाव के अन्य अपराधियों में भी खौफ का माहौल है।
राजनीतिक सरंक्षण और महिला प्रत्याशी पर हमला
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, महेश निषाद का क्षेत्र में लंबे समय से दबदबा रहा है। पूर्व में हुए नगर निकाय चुनावों में उसने अपने गैंग के साथ मिलकर भाजपा की महिला प्रत्याशी पर जानलेवा हमला किया था, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में उसकी खूब चर्चा हुई थी। सत्ता के संरक्षण में फलता-फूलता यह अपराधी अब पुलिस और न्याय व्यवस्था की गिरफ्त में है।
“राजनीति की छतरी भी अब बेअसर!”
सूत्रों की मानें तो महेश निषाद का अपराध जगत में गहरा नेटवर्क रहा है। हर सरकार के दौर में उसने अपने को बचाने के लिए राजनीतिक पकड़ मजबूत की, लेकिन योगी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति और उन्नाव पुलिस की सक्रियता ने उसके सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया।






