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सरकार को ‘साधु’ वाद… भ्रष्टतंत्र पर किया आघात

डीड देने में भ्रष्टाचार की जांच के बाद मथुरा का पूरा रजिस्ट्री ऑफिस सस्पेंड

वृंदावन के साधुराम की शिकायत पर प्रदेश में अनोखी कार्यवाही

संतोष कुमार दीक्षित
राज्य मुख्यालय। प्रदेश में अब जीरो टॉलरेंस की नीति का असर दिखने लगा है। भ्रष्टाचारियों पर योगी सरकार की वक्र दृष्टि पड़ने लगी है। इसका असर श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में उस समय देखने को मिला जब पूरा का पूरा रजिस्ट्री दफ्तर ही सस्पेंड कर दिया गया। आरोप था कि कि लोगों को पंजीयन के बाद रजिस्ट्री की मूल डीड देने में जानबूझ कर या किसी उद्देश्य की पूर्ति किए जाने को लेकर देरी की जा रही है।

जांच कमेटी की रिपोर्ट पर कार्रवाई
रजिस्ट्री दफ्तर में धांधली की लगातार मिल रहीं शिकायतों का मामला उच्च स्तरीय अधिकारियों तक होते हुए मंत्री स्तर तक पहुंचा था। जिसके बाद मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी की शासन को भेजी रिपोर्ट के आधार पर । स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने कड़ी कार्रवाई करते हुए उप निबंधक सहित तीन अधिकारी और कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया है।

प्रदेश में अपनी तरह की पहली कार्रवाई
सूबे में पूरे रजिस्ट्री दफ्तर के स्टाफ को सस्पेंड किए जाने की कार्रवाई प्रदेश में अपनी तरह की पहली कार्रवाई है। हालांकि इससे पहले कई तरह के सख्त काईवाई होती रहीं हैं। पुलिस चौकियों और थानों को सस्पेंड करने के मामलों में भी इजाफा हुआ है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश की योगी सरकार करप्शन को लेकर सीरियस है और इसे बढ़ावा देने वालों को चुन-चुनकर ठिकाने लगाया जा रहा है।

जाने पूरा प्रकरण क्या है
तीन दिसंबर को वृंदावन के साधुराम तौरानी ने फ्लैट की रजिस्ट्री के बाद मूल डीड एक दिन बाद देने पर स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल से मोबाइल फोन पर कॉल करके अधिकारियों की शिकायत की थी। नियमानुसार रजिस्ट्री के तत्काल बाद मूल डीड देने का नियम है। मगर रजिस्ट्री दफ्तर के अधिकारियों ने टालमटोल करते हुए एक दिन बाद डीड देने के लिए कहा। कहीं न कहीं जांच में इसमें भ्रष्टाचार की मंशा थी। शिकायत के बाद प्रशासन की ओर से मामले की गहनता से जांच के लिए अयोध्या मंडल के उप महानिरीक्षक (निबंधन) निरंजन कुमार और उप महानिरीक्षक निबंधन अविनाश पांडेय को जिम्मेदारी सौंपी।

18 दिसंबर को जांच रिपोर्ट में भ्रष्टाचार की पुष्टि
बनाई गई जांच कमेटी ने 18 दिसंबर को अपनी जांच रिपोर्ट स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल1)को सौंपी। जांच रिपोर्ट के अनुसार साधुराम को रजिस्ट्री की मूल कॉपी देरी से देने के पीछे भ्रष्टाचार की मंशा थी। दोषी पाए जाने के बाद सख्त कार्रवाई करते हुए मंत्रीजी के निर्देश पर मथुरा रजिस्ट्री ऑफिस के उप निबंधक प्रथम अजय कुमार त्रिपाठी, कनिष्ठ सहायक प्रदीप उपाध्याय और सतीश कुमार चैधरी को को सस्पेंड कर दिया।

भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ नजीर बनेगी यह कार्रवाई
स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल (स्वतंत्र प्रभार) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस की नीति को ध्यान में रखते हुए मथुरा रजिस्ट्री ऑफिस के अफसरों पर कार्रवाई की गई है। जो भी भ्रष्टाचार में संलिप्त मिलेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मथुरा के रजिस्ट्री ऑफिस पर की गई कार्रवाई भ्रष्ट अधिकारियों के लिए सबक होगा।

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