बाबा साहब के सपनों को साकार कर रही सरकार : उप मुख्यमंत्री
लखनऊ। भारत रत्न बाबा साहब भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी लखनऊ में ’दिव्यांग लोगों के पुनर्वास प्रारंभिक पहचान और हस्तक्षेप’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी का शुभारंभ करते हुए उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने किया। इस अवसर पर परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.संजय सिंह भी उपस्थित रहे।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने शिक्षा को सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों को निरक्षरता, अज्ञानता और अंधविश्वास से मुक्ति के साधन के रूप में देखा। कहा कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर का पूरा जीवन ही एक संदेश है। बाबा साहब के सपनों को साकार करने की दिशा में सरकार तेजी से कार्य कर रही है ।
उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में विकलांग को दिव्यांग नाम दिया उनके सुझाव के बाद से यह शब्द चलन में है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बच्चों के प्रति समाज में दो महत्वपूर्ण कार्य करने की जरूरत है एक तो वैज्ञानिक तरीका और दूसरा वैचारिक बदलाव हो। वैज्ञानिक तरीके में श्रवण यंत्र, चश्मा ,वैशाखी जैसे सहायक ,तकनीकी उपकरणों और सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से लाभान्वित किया जाता है। आजादी के अमृत काल में हम सभी को मिलकर विकलांग सोच को बदलना जरूरी है जो कि सक्षम और अक्षम के बीच खाई खोदने का काम करता है।
केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि सरकार द्वारा बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए पंच तीर्थों को विकसित किया गया है । यह सब कार्य भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में होता हुआ देखकर हम सब को गर्व की अनुभूति होती है ।
इस अवसर पर परिवहन राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने कहा कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर ने जो मार्ग देश को दिखाया उस रास्ते पर सरकार चलकर गरीबों की सेवा कर रही है। उन्होंने कहा दिव्यांगों के लिए सहानुभूति नहीं, संवेदनशीलता की आवश्यकता है, सेवाभाव की आवश्यकता है।
सेमिनार को कुलपति प्रोफेसर संजय सिंह व प्रोफेसर शिल्पी वर्मा ने भी संबोधित किया। निदेशक दिव्यांगजन एवं सशक्तिकरण विभाग उत्तर प्रदेश सहित अन्य अधिकारी, प्रोफेसर, छात्र -छात्राएं मौजूद रहे।