दिल्ली/एनसीआर

सरकार ने ‘हज तीर्थयात्रा के लिए चिकित्सा देखभाल व्यवस्था’ दस्तावेज जारी किया

नई दिल्ली । केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने शुक्रवार को यहां ‘हज यात्रा के लिए चिकित्सा देखभाल व्यवस्था’ शीर्षक से एक दस्तावेज जारी किया। यह दस्तावेज स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय तथा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया है।

इस अवसर पर जेद्दा में भारत के महावाणिज्य दूतावास के मोहम्मद शाहिद आलम (जो वर्चुअली शामिल हुए) और विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रतिनिधि और अन्य हितधारक भी मौजूद थे।

हज वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ा और सबसे स्थायी वार्षिक सामूहिक आयोजन है। चिकित्सा देखभाल व्यवस्था की जिम्मेदारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के आपातकालीन चिकित्सा राहत प्रभाग और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रभाग के पास है।

इस अवसर पर अपूर्व चंद्रा ने कहा कि यह दस्तावेज स्वास्थ्य सेवाओं का रोडमैप प्रस्तुत करता है और यह भी बताता है कि तीर्थयात्री इन सेवाओं का लाभ कैसे उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह केवल दूसरा वर्ष है, जब स्वास्थ्य सेवा की जिम्मेदारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी गई है।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष भारत से लगभग 1,75,025 तीर्थयात्रियों ने हज यात्रा की, जिनमें से लगभग 40,000 बुजुर्ग थे, जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक थी। इस वर्ष मौसम की खराब परिस्थितियों को देखते हुए, स्वास्थ्य चुनौतियों ने तीर्थयात्रियों के लिए चौबीसों घंटे सेवाएं प्रदान करना आवश्यक बना दिया है। पिछले वर्ष, पिछले अनुभव से सीख लेते हुए मौखिक स्वास्थ्य और दंत चिकित्सा सेवाओं को भी शामिल किया गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने यह भी कहा कि इस वर्ष लगभग 2 लाख ओपीडी आयोजित की गई हैं, साथ ही तीर्थयात्रियों के लिए चिकित्सा टीमों द्वारा दौरा भी किया गया है।

अपूर्व चंद्रा ने कहा कि एनआईसी की मदद से एक लाइव पोर्टल विकसित किया गया है, जो चिकित्सा देखभाल चाहने वाले तीर्थयात्रियों और प्रदान की जा रही सेवाओं पर वास्तविक समय डेटा और विश्लेषण प्रदान करता है।

जेद्दा में भारत के महावाणिज्यदूत शाहिद आलम ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय तीर्थयात्रियों के लिए स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था को संस्थागत बनाने के लिए दस्तावेज़ का प्रकाशन महत्वपूर्ण है। उन्होंने हज के दौरान होने वाले अनुभवों और चुनौतियों के बारे में बताया। भारतीय चिकित्सा कर्मियों के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने बताया कि भारतीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा प्रदान की जाने वाली चिकित्सा सेवाओं को सऊदी अरब साम्राज्य (केएसए) द्वारा भी उच्च दर्जा दिया गया है।

 

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