बीजेपी विधायकों की कार्यप्रणाली का ऑडिट, सरकार ने शुरू किया सर्वे

जन एक्सप्रेस / लखनऊ: आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने अपने विधायकों की कार्यप्रणाली की व्यापक समीक्षा का निर्णय लिया है। सरकार की ओर से कराए जा रहे इस सर्वे के माध्यम से यह मूल्यांकन किया जाएगा कि विधायक जनता के बीच कितने सक्रिय हैं और उनके क्षेत्र में विकास कार्यों की स्थिति क्या है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि दो बार लगातार सरकार बनाने के बाद अब तीसरी बार भी सत्ता में लौटने के लिए ज़मीनी स्तर पर मजबूत तैयारी ज़रूरी है।
सूत्रों के अनुसार, यह सर्वे पूरी तरह निष्पक्ष और व्यापक होगा, जिसमें क्षेत्रीय जनता, प्रशासन और संगठन की राय को भी महत्व दिया जाएगा। विधायक की जनसंपर्क क्षमता, विकास योजनाओं के क्रियान्वयन, संगठनात्मक योगदान और जनहित के मुद्दों पर सक्रियता को कसौटी बनाया जाएगा। जिन विधायकों का प्रदर्शन कमजोर पाया जाएगा, उनके टिकट पर पुनर्विचार की संभावना से इंकार नहीं किया जा रहा।
बीजेपी नेतृत्व ने संकेत दिए हैं कि पार्टी अब ‘जीतने वाले उम्मीदवार’ के फॉर्मूले पर काम कर रही है। ऐसे में सिर्फ पुराने चेहरे या वरिष्ठता के आधार पर टिकट नहीं मिलेगा, बल्कि हर विधायक को अपने काम के आधार पर खुद को साबित करना होगा। पार्टी का यह कदम उत्तर प्रदेश में 2027 की हैट्रिक की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, इससे कार्यकर्ताओं और विधायकों में भी स्पष्ट संदेश गया है कि प्रदर्शन ही पहचान बनेगा।