उत्तर प्रदेशबाराबंकी

जिम्मेदारों की अनदेखी से सड़कों पर होता है जलजमाव

जिम्मेदारों की अनदेखी राहगीरों पर पड़ रही भाई

जन एक्सप्रेस/रिजवान अहमद

मसौली-बाराबंकी। एनएचएआई के जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियो की लापरवाही से बीते कई वर्षों से हाईवे के किनारे बने नाले गंदगी से पटे हैं। जिसके चलते मामूली बरसात के बाद सड़कें पानी से लबालब भर जाती हैं। जिम्मेदार भी इन सड़कों पर दिन भर में कई बार गुजरते हैं, लेकिन उनकी नजर इस समस्या पर नहीं पड़ती। इस अनदेखी से जहां आम राहगीर को परेशानी होती है वहीं सड़क पर लगा डामर जल्दी उखड़ने लगता है। हालात यह है कि मामूली बरसात मे हाइवे की सर्विस रोडे तालाब का रूप ले रही है। जो राहगीरों एवं दो पहिया वाहन चालकों के लिए जलभराव परेशानी का सबब बन रहा है।

ज्ञात हो कि लखनऊ अयोध्या राष्ट्रीय राजमार्ग पर चौराहो एवं आबादी क्षेत्र मे जल निकासी के लिए नालों का निर्माण कराया गया है जल निकासी के लिए रसौली, दादरा, सफदरगंज, बघौरा, उधौली सहित अन्य आबादी क्षेत्र में सड़क के दोनों ओर निर्माण एजेंसी द्वारा सीसी नाले का निर्माण कराया गया था। लेकिन जब से हाईवे बनकर तैयार हुआ है। तब से क्षेत्र की संबंधित कार्य एजेंसी की ओर से नालों की सफाई नहीं कराई गई है। इस कारण से सभी जगहों के नाले चोक हो गए हैं। जिससे जल निकासी नहीं हो पा रही है। इस वजह से सड़क पर गंदा पानी बह रहा है। साथ ही इन नालों में रोड के किनारे बने मकानों का पानी नाले में सप्लाई हो इसकी भी व्यवस्था की गई थी। लेकिन संबंधित विभाग के अधिकारियों की अनदेखी और लापरवाही के चलते पिछले 10 साल से नालों की सफाई नहीं कराई गई है।

नाले बने डस्टबिन

क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि हाईवे निर्माण के समय जलनिकासी के लिए बने नालों की सफाई पिछले दस साल में एक भी बार एन एच ए आई द्वारा नहीं कराई गई है, साथ ही नाले पूरी तरह से डस्टबिन बन गए हैं, लोगों द्वारा नालों मेें कचरा और मवेशियों का गोबर फेंका जा रहा है। इस कारण से नाले कई स्थानों पर तो पूरी तरह से चोक हो चुके है।

फैला है अतिक्रमण

हाइवे के किनारे स्थित चौराहो एव आबादी क्षेत्र में जल निकासी के लिए बने नालों पर किसी ने अपना आशियाना बना रखा है, तो कइयों ने दुकान तान रखी है। यही कारण है कि नालों का अस्तित्व खत्म हो रहा है। जिसकी वजह से नाले चोक हो गए हैं। नालों के अलावा छोटी नालियों में सफाई का कार्य कभी नहीं कराया जाता है।

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