भूटान नरेश के साथ वार्ता में प्रधानमंत्री ने सामाजिक-आर्थिक सुधारों के लिए भारत के समर्थन को दोहराया
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक के साथ वार्ता की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भूटान में सामाजिक-आर्थिक सुधारों के लिए भारत के निरंतर समर्थन को दोहराया। मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय संबंधों और राष्ट्रीय हित के सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया गया।
भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक तीन दिवसीय भारत यात्रा पर हैं। उनकी यात्रा से संबंधित एक विशेष पत्रकार वार्ता में विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि भारत और भूटान के रिश्तों का मूलभूत आधार प्रगाढ़ मित्रता, सकारात्मक दृष्टिकोण, सहयोग और सहकार्य है। उन्होंने बताया कि भूटान नरेश और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वार्ता के दौरान आज द्विपक्षीय और राष्ट्रीय हितों के सभी मुद्दों पर चर्चा की गई।
विदेश सचिव ने बताया कि प्रधानमंत्री और भूटान नरेश के बीच हुई बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि भारत भूटान की आगामी 13वीं पंचवर्षीय योजना के लिए अपनी मदद बढ़ायेगा। भारत एक अतिरिक्त स्टैंडबाय क्रेडिट सुविधा का विस्तार करने के लिए काम करेगा। भूटान से कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए दीर्घकालिक टिकाऊ व्यवस्था को आकार देने के लिए काम करेंगे। साथ ही पेट्रोलियम और कोयला जैसी महत्वपूर्ण वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालिक द्विपक्षीय व्यवस्था विकसित करने के लिए भी काम करेंगे।
विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने भारत- भूटान और चीन सीमा के मुद्दे पर कहा कि भारत राष्ट्रीय हित को प्रभावित करने वाले घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रखे हुए है और सभी आवश्यक उपाय किए जायेंगे। भारत उन सभी घटनाक्रमों पर बहुत बारीकी से नज़र रखता है, जिनका हमारे राष्ट्रीय हित पर प्रभाव पड़ता है और हम उनकी सुरक्षा के लिए आवश्यक सभी आवश्यक उपाय करेंगे।
एक प्रश्न के उत्तर में विदेश सचिव ने कहा कि भूटान में आने वाले पर्यटकों को 200 डॉलर प्रति दिन देना होता है। भारत के लिए 1200 रुपये है और यह काफी कम है। अभी यह प्रायोगिक आधार पर किया गया है और बाद में इस पर देखा जाएगा की कैसी परिस्थितियां आती हैं। वर्तमान में भारतीय पर्यटकों का वहां जाना हो रहा है।