दिल्ली/एनसीआर

भारतीय सेवाओं का लक्ष्य देश के आर्थिक विकास के साथ साथ नागरिक सेवा सुनिश्चित करना है: लोक सभा अध्यक्ष

नई दिल्ली । लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को संसदीय शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (प्राइड) की ओर से संसद भवन परिसर में भारतीय वन सेवा, भारतीय सूचना सेवा और भारतीय कॉरपोरेट विधि सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम को सम्बोधित किया।

इस अवसर पर बिरला ने कहा कि अखिल भारतीय सेवाओं का लक्ष्य देश के आर्थिक विकास के साथ-साथ नागरिक सेवा सुनिश्चित करना है। वन सेवा के सन्दर्भ में बिरला ने कहा कि देश की समृद्ध और विविधतापूर्ण वन संपदा और जैव विविधता को सुरक्षित रखते हुए देश के वनवासी समुदायों की विरासत और परंपराओं का संरक्षण करना इस सेवा के अधिकारियों का दायित्व है। यह विचार व्यक्त करते हुए कि सतत प्रबंधन के माध्यम से देश के पर्यावरण को सुरक्षित बनाए रखने में भारतीय वन सेवा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, उन्होंने हर्ष व्यक्त किया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत में पर्यावरण से संबंधित विमर्श में नेतृत्वकारी भूमिका का निर्वहन किया है।

भारतीय सूचना सेवा के विषय में बिरला ने सुझाव दिया कि उन्हें सरकार की कल्याणकारी नीतियों और पहलों की जानकारी को जनता तक पहुंचाते हुए सरकार और जनता के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि लोकतंत्र में सूचना के आदान -प्रदान की बड़ी भूमिका है, जिसमें भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं। देश के आर्थिक विकास में प्रभावी गवर्नेंस की भूमिका का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि भारतीय कॉर्पोरेट विधि सेवा के अधिकारियों का दायित्व है कि वे कंपनियां और व्यवसाय आरम्भ करने और उनके कुशल संचालन की प्रक्रिया को अधिक से अधिक रूप से सरल और सुगम बनाएं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि इस सेवा की अर्थव्यवस्था की विश्वसनीयता और शक्ति को बनाए रखने में उल्लेखनीय भूमिका रही है।

देश की प्रगति में उन्नत एवं नवीन टेक्नोलॉजी के प्रभावी सदुपयोग का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि जन केंद्रित और विकासोन्मुखी शासन व्यवस्था में टेक्नोलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिससे जनता की समस्याओं के समाधान निकलते हैं और बेहतर परिणाम भी मिलते हैं। सुशासन, पारदर्शिता और जनता के प्रति जवाबदेही पर ज़ोर देते हुए बिरला ने अधिकारियों का आह्वान किया कि वे सम्पूर्ण समर्पण और सेवा भाव से अपना कार्य करें।

बिरला ने आगे कहा कि इस कार्यक्रम से सभी प्रशिक्षु अधिकारियों को भारत की संसदीय शासन प्रणाली और कार्यों को समझने में मदद मिलेगी। उन्होंने सुझाव दिया कि उपस्थित सभी प्रशिक्षु अधिकारी संविधान सभा के डिबेट समेत संसद में हुई महत्वपूर्ण चर्चाओं का अध्ययन करें।

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