चित्रकूट मंडी में इंस्पेक्टर राज! गरीबों से वसूली, सुविधा शून्य

जन एक्सप्रेस चित्रकूट: कर्वी गल्ला मंडी में इन दिनों प्रशासन की अनदेखी और इंस्पेक्टर राज का खुला खेल देखने को मिल रहा है। विगत वर्षों में धुस मैदान से शिफ्ट की गई सब्जी मंडी में गरीब फुटकर विक्रेताओं से ₹300 तक की अवैध वसूली की जा रही है। हैरानी की बात ये है कि यह वसूली उन दुकानदारों से की जा रही है जो न तो पक्की दुकान के मालिक हैं, न बिजली का इस्तेमाल करते हैं, और न ही स्थायी तौर पर मंडी में मौजूद रहते हैं। सड़क किनारे ठेले और जमीन पर बैठकर सब्जी बेचने वाले गरीब दुकानदारों से यह पैसा ठोका जा रहा है—वो भी फर्जी रसीदों के जरिए, जिनमें सुविधा शुल्क का कहीं कोई जिक्र नहीं है।
और पीएचडी के जवानों की मौन भागीदारी
जब इस अवैध वसूली पर सवाल उठाया गया तो खुद को इंस्पेक्टर बताने वाले अखंड प्रताप मौन हो गए। कंप्यूटर ऑपरेटर रसीद बुक से मुंह छिपाता रहा और पीएचडी के जवान मौके से खिसकते नजर आए। मंडी के बड़े अढ़तियों से कोई पैसा नहीं लिया जा रहा, उल्टा उन्होंने मंडी की सड़कों तक पर कब्जा जमा रखा है, लेकिन सड़क किनारे बैठने वालों पर दिनदहाड़े ‘सिस्टम’ का डंडा चलता है। न पानी, न लाइट, न शौचालय, न सफाई—फिर किस सुविधा का शुल्क? मंडी समिति के कर्मचारी न केवल पैसे वसूलते हैं, बल्कि ‘फ्री सब्जी’ की मांग भी दबाव में करते हैं। ये गरीब दुकानदार योगी सरकार की रोजगार योजनाओं के असली लाभार्थी हैं, लेकिन कुछ भ्रष्ट कर्मचारियों की गठजोड़ सरकार की नीतियों को पलीता लगाने में जुटी है।
जिलाधिकारी से सीधी मांग – हो जांच, रुके वसूली का आतंक
अब जरूरत है कि जिलाधिकारी इस पूरे मामले को संज्ञान में लेकर जांच कराएं और मंडी में सक्रिय इस वसूली गैंग पर शिकंजा कसें। नहीं तो ये भ्रष्ट तंत्र न सिर्फ गरीबों की रोज़ी रोटी छीनता रहेगा, बल्कि सरकार की छवि को भी लगातार धूमिल करता रहेगा। चित्रकूट की मंडी आज व्यवस्था की नहीं, भ्रष्टाचार की पहचान बनती जा रही है।