बरसठी, घाटमपुर, सरायवैद्य में जीवित्पुत्रिका व्रत धूमधाम से सम्पन्न

जन एक्सप्रेस/जौनपुर: जौनपुर क्षेत्र के विभिन्न गांवों व कस्बों में मंगलवार को जीवित्पुत्रिका व्रत (जितिया) पूरे श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। प्रातः से ही व्रती महिलाएं पारंपरिक वेश-भूषा धारण कर गाजे-बाजे और डीजे की धुनों पर समूह बनाकर तालाब किनारे स्थित देवी माता की मूर्तियों के पास पहुँचीं। महिलाओं ने सामूहिक रूप से प्रचलित किस्से-कहानियों का वाचन किया और देवी माता से संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना की।
तालाब किनारे दीप प्रज्वलन कर माताओं ने पूजा-अर्चना की और संकल्प लेते हुए दीप घर लेकर गईं। इस दौरान पूरा वातावरण भक्ति और उत्साह से गूंज उठा। जगह-जगह व्रती महिलाओं के समूह में लोकगीत और पारंपरिक व्रत कथाएँ गूँजती रहीं।
गौरतलब है कि जीवित्पुत्रिका व्रत विशेष रूप से पुत्र-पुत्रियों की दीर्घायु और सुखमय जीवन के लिए रखा जाता है। इसमें महिलाएं 24 घंटे निर्जला उपवास रखती हैं। न तो भोजन करती हैं और न ही जल ग्रहण करती हैं। कठोर व्रत होने के बावजूद महिलाओं का उत्साह देखते ही बनता था।
बरसठी, घाटमपुर और सरायवैद्य क्षेत्र में मंगलवार को दिनभर देवी मंदिरों, तालाब किनारों और पूजा स्थलों पर महिलाओं की भीड़ रही। संध्या होते ही दीपों की कतारों से वातावरण आलोकित हो उठा।
ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि जीवित्पुत्रिका व्रत सदियों से चली आ रही परंपरा है। मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से संतान पर आने वाले संकट टल जाते हैं और उन्हें लंबी उम्र प्राप्त होती है।






