आईएएस बनना चाहती हैं केआईयूजी2022 की भारोत्तोलन चैंपियन टीएम कीर्थना
वाराणसी । उत्तर प्रदेश में पहली बार आयोजित किए जा रहे खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में महिलाओं के 59 किग्रा भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाली मद्रास यूनिवर्सिटी की टीएम कीर्थना भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाना चाहती है और इसके माध्यम से ही देश की सेवा करना चाहती है।
कीर्थना ने वाराणसी के बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में आयोजित भारोत्तोलन प्रतियोगिता में अपने भार वर्ग में कुल 178 किग्रा वजन के साथ पहला स्थान हासिल किया। कीर्थना ने स्नैच में 82 और क्लीन एंड जर्क में 96 किग्रा वजन उठाया। महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी की स्नेहा ने 177 किग्रा के साथ रजत और कृष्णा यूनिवर्सिटी की लिजा कासमा ने 167 किग्रा के साथ इस स्पर्धा का कांस्य जीता।
सामान्य मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाली कीर्थना ने बताया कि उनके पिता दिहाड़ी मजदूरी करते हैं और मां एक प्राइमरी स्कूल में शिक्षिका हैं। कीर्थना ने कहा,- मेरे पिताजी दहाड़ी मजदूर हैं और मां एक प्राइमरी स्कूल में शिक्षिका हैं।
कीर्थना ने कहा कि वह बड़ी होकर भारतीय प्रशासनिक सेवा में जाना चाहती है। पहली बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में हिस्सा ले रही कीर्थना ने कहा,- मैं पढ़ाई और खेल में बैलेंस बनाकर चलती हूं। मेरा लक्ष्य आईएएस बनना है। मुझे दुनिया के बारे में जानना अच्छा लगता है। मैं पढ़ना चाहती हूं क्योंकि यह मुझे पसंद है लेकिन साथ ही साथ मैं खेल भी जारी रखना चाहती हूं क्योंकि मुझे इससे भी प्यार है। इन दोनों को एक साथ लेकर अपने सपनों को पूरा करना चाहती हूं।–
पढ़ाई के साथ-साथ प्रैक्टिस कैसे मैनेज करती हैं, इस बारे में पूछे जाने पर कीर्थना ने कहा,- यह थोड़ा कठिन काम है लेकिन चूंकि मेरा परिवार मेरे साथ है तो फिर यह आसान हो जाता है। मुझे सब सपोर्ट करते हैं। मेरे भाई, चाचा-चाची, पड़ोसी और दूसरे रिश्तेदार मेरा ख्याल रखते हैं और मुझे किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने देते।
कीर्थना ने कहा कि यह उनका आत्मविश्वास ही है, जो उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ खेल को भी मैनेज करने की क्षमता देता है और इसी के कारण वह आज स्वर्ण पदक जीत सकी हैं। कीर्थना बोलीं,- इतने सारे लोगों का सपोर्ट होने से कांफीडेंस आ ही जाता है। इस स्थिति में बस आपको अपने काम पर फोकस करने की जरूरत होती है और मैं खेल और पढ़ाई के अलावा और कुछ नहीं करती। मैं रोजाना 8 घंटे अभ्यास करती हूं और इतने ही घंटे पढ़ाई भी करती हूं।
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के बारे में कीर्थना ने कहा कि यह गरीब और मध्यम वर्गीय समाज बच्चों के लिए एक बेहतरीन प्लेटफार्म है।