उत्तर प्रदेशचित्रकूट

ममता फिर हुई शर्मशार, दुधमुही बच्ची को रेलवे स्टेशन पर छोड़ गई मां

ममता पर सवाल, डेढ़ माह से जिला अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती है नवजात, जिला अस्पताल में जन्म देने के बाद छोड़कर चली गई कलयुगी मां

जन एक्सप्रेस/हेमनरायण द्विवेदी

हे मां! मुझे स्टेशन में छोड़कर क्यों चली गई?

चित्रकूट। जब बच्चे को मां के स्नेह और छाती के दूध की जरूरत होती है, तब मां उस नवजात को छोड़कर कहीं चली जाए और उस नवजात को समाज लावारिस घोषित कर दे, तो वह पूछती है कि हे! मां, मेरा कसूर और गुनाह क्या था? जो मुझे तुम छोड़कर कहीं चली गई। इससे बेहतर तो यह था कि मुझे कोख में ही मुझे मार देती।

जनपद चित्रकूट में एक बार फिर से मां की ममता को शर्मशार करता हुआ एक मामला प्रकाश में आया है।

पूरा मामला मामला मानिकपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन में का है, जहां आज लगभग सुबह 3 बजे का है, जहां रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 2/3 के पूर्वी छोर पर एक नवजात बच्ची को कोई छोड़कर चला गया, जिसको RPF मानिकपुर द्वारा CWC चित्रकूट के समक्ष पेश किया गया। बाद आदेशनुसार नवजात बच्चे को जिला अस्पताल चित्रकूट के ICU रूम में एडमिट कराया गया

यह कैसा “बेटी बचाओ” अभियान?

कहने को तो प्रदेश सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के तहत तमाम नियम कायदे बनाएं हैं मगर जिला अस्पताल में लावारिस लाडली देख यह साबित होता है कि नन्हीं कली के लिए सरकार के सारे नियम कायदे फेल है। हैरत तो तब होती है जब कोख से लड़की के जन्म लेने के बाद लोग उदास हो जाते हैं। देखने पर ऐसा लगता है कि लाड़ली ने अपने मां-बाप का सुकून छीन लिया।

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