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बिना घर गए बिजली बिल बना रहे मीटर रीडर, उपभोक्ताओं की बढ़ी मुश्किलें

जन एक्सप्रेस/ कुशीनगर: रामकोला विकास खंड के दिउलिया मनिया छपरा के टोला दिउलिया समेत आसपास के गांवों में बिजली विभाग की लापरवाही ने लोगों को परेशान कर दिया है। सपहा पावर हाउस के अंतर्गत आने वाले गांवों में बिना मीटर की वास्तविक रीडिंग के बिजली के बिल बनाए जा रहे हैं। इस कारण उपभोक्ताओं को गलत और अत्यधिक बिल का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय निवासी लालमन, गौतम, कांता, और राजेंद्र जैसे कई परिवार इस समस्या से त्रस्त हैं। बिजली बिलों को सुधारने के लिए उपभोक्ताओं को बार-बार विभाग के दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते हैं, लेकिन समाधान नहीं हो पा रहा।

183,000 का गलत बिजली बिल, दलित परिवार परेशान

एक विशेष मामला दलित वर्ग के राजेंद्र प्रसाद का है, जिनका बिना घर गए ही बिजली का बिल बना दिया गया। उनके मीटर पर यूनिट की संख्या कम दिखी, लेकिन बिल ₹183,000 का बना दिया गया। जब उन्होंने इस मामले की शिकायत पावर हाउस और हाटा के अधिशासी अभियंता से की, तो उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला। हर महीने उनका बिल ₹2,000 से ₹5,000 के बीच बढ़ता गया और देखते ही देखते यह भारी रकम हो गई। जांच में पता चला कि किसी महीने में ₹25,000, ₹30,000 और यहां तक कि ₹60,000 तक का बिल बना दिया गया। लगातार शिकायतों के बावजूद विभाग ने इस समस्या का समाधान नहीं किया।

प्रशासन और विभाग की चुप्पी, उपभोक्ताओं में आक्रोश

राजेंद्र जैसे कई उपभोक्ताओं ने अपनी समस्याएं अधिकारियों के समक्ष रखीं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। जब इस विषय में एक्सईएन दिग्विजय सिंह से बात करने की कोशिश की गई, तो उनका मोबाइल बंद मिला। इस स्थिति ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है। बिजली विभाग की लापरवाही से उपभोक्ता मानसिक और आर्थिक परेशानी झेल रहे हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है और क्या लोगों को न्याय मिल पाता है।

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