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जमुनिहाई बंधी में मरम्मतीकरण के नामपर सरकारी धन का बंदरबांट 

किसानों ने कहा नाला रिपेयरिंग के नामपर की जा रही लीपापोती 

आखिर भ्रष्टाचारी प्रवृत्ति के ठेकेदारों के ऊपर जिम्मेदारों को क्यों है इतना भरोसा ?

जन एक्सप्रेस संवाददाता
चित्रकूट। जिले में इन दिनों लघु सिंचाई विभाग में हो रहे निर्माण कार्यों में हद दर्जे का भ्रष्टाचार किया जा रहा है। कार्य गुणवत्तापूर्ण हो रहा है या नहीं, इसको देखने और सुनने वाला कोई नहीं है। जिन जिम्मेदारों को निर्माण कार्यों के गुणवत्ता की निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है,वह अपने आफिस में ही बैठकर मानकविहीन कार्य को सही कर रहे हैं। पता नहीं भ्रष्टाचारी प्रवृत्ति के ठेकेदारों के ऊपर विभागीय अधिकारियों को इतना भरोसा है क्यों है कि, वह निर्माण कार्य देखने की जरूरत नहीं समझते। इसी का फायदा उठाकर ठेकेदार मनमानी पूर्वक कार्य कर लीपापोती करने में जुटे हैं। इससे यह साफ होता है कि, ठेकेदार और जिम्मेदारों की तालमेल से मानकविहीन कार्य कराए जा रहे हैं।
मानिकपुर विकास खण्ड के टिकरिया जमुनिहाई बंधी में लघु सिंचाई विभाग द्वारा कराए जा रहे रिपेयरिंग में खुलेआम भ्रष्टाचार किया जा रहा है। बंधी के भीटे के ऊपर मिट्टीकरण का कार्य किया गया है,जो पूरी तरह से मानकविहीन है। एक तो मानक के अनुसार भीटे में मिट्टी नहीं डाली गई, दूसरी ओर मिट्टी को दबाकर बराबर करने से पहली बारिश में ही मिट्टी का क्षरण शुरू हो गया है। जो बरसात के पहले ही पूरी तरह से बह जाएगी।जानकारी के अनुसार भीटे के ऊपर एक से दो फिट मिट्टी डाली जानी थी, लेकिन मिट्टी की पतली परत डालकर ही खानापूर्ति कर ली गई है। वहीं नहर(नाला) के मरम्मतीकरण के नामपर डस्ट के साथ नाम मात्र सीमेंट के मिश्रण से कार्य किया जा रहा है।अनुपातहीन मैटेरियल से जर्जर नाले की रिपेयरिंग की जा रही है, जिसे पहली बरसात झेल पाना भी मुश्किल है। पुराने पत्थरों से ही नाले की रिपेयरिंग की जा रही है। बंधी में चल रहे मानकविहीन निर्माण कार्य को लेकर किसानों में भारी आक्रोश है। घटिया निर्माण को लेकर कृषकों मे विरोध के स्वर गूंज रहे हैं। किसानों ने सरकारी धन के बंदरबांट का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की है।अवधनरेश,दयाराम,मलखान,शिवमूरत, कमलेश आदि किसानों ने कहा निर्माण कार्य में घटिया सामग्री इस्तेमाल किया जा रहा है। जिससे पहली बरसात में ही ध्वस्त हो जाएगा। बंधी के ऊपर डाली गई मिट्टी में भारी चोरी की गई है। मिट्टी की पतली परत डालकर खानापूर्ति कर ली गई है।
किसानों ने कहा लंबे समय से हमको इंतजार था कि इस बंधी के दिन कब बहुरेंगे। बंधी और नहर के मरम्मतीकरण की शासन से स्वीकृति तो मिली लेकिन घटिया निर्माण कर अरमानों में पानी फेरा जा रहा है। अब देखना यह होगा कि, आखिर जिम्मेदारों द्वारा मानकविहीन हो रहे निर्माण कार्यों को लेकर क्या कार्यवाही की जाएगी ?

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