मोहन भागवत ने पीएम मोदी के सामने संघ के स्वयंसेवकों के योगदान की सराहना की
स्वार्थ से ऊपर उठकर समाज की सेवा में संकल्पित संघ कार्यकर्ता

जन एक्सप्रेस लखनऊ:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में महाराष्ट्र के नागपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि सभी शुभ योग एकत्रित होने के लिए तपस्या की आवश्यकता होती है। उन्होंने यह भी बताया कि संघ के स्वयंसेवकों ने कई वर्षों की तपस्या और कठिन परिश्रम के बाद समाज के कल्याण के लिए अपने योगदान को निरंतर आगे बढ़ाया है। भागवत ने कहा कि पुण्य का फल तभी मिलता है जब उसे समाज के भले के लिए उपयोग किया जाए और इसका उद्देश्य स्वार्थ नहीं, बल्कि सर्वजन हिताय होना चाहिए।
समाज के प्रति निस्वार्थ समर्पण की प्रेरणा संघ कार्यकर्ताओं का योगदान समाज के लिए प्रेरणास्त्रोत
मोहन भागवत ने बताया कि संघ के स्वयंसेवक समाज के लिए कष्ट उठाते हुए अपनी प्रेरणा से कार्य करते हैं, जो न केवल समाज की भलाई के लिए होता है, बल्कि पूरे देश और दुनिया के लिए सकारात्मक बदलाव लाने के उद्देश्य से होता है। उन्होंने 1926 में यात्रा के सफल आयोजन का उदाहरण देते हुए कहा कि संघ के कार्यकर्ता हमेशा समाज के प्रति अपनी निष्ठा और समर्पण से कार्य करते हैं, जिससे न केवल समाज में सेवा के कार्य हो रहे हैं, बल्कि वे देश और विश्व के विकास में भी अपना योगदान दे रहे हैं।
सेवा का उद्देश्य: समाज और विश्व का कल्याण संघ के स्वयंसेवकों का जीवन मंत्र: समाज के भले के लिए कार्य करना
मोहन भागवत ने बताया कि संघ के कार्यकर्ताओं का जीवन एक दृष्टि से प्रेरित है—अपने जीवन को सार्थक बनाते हुए समाज के विकास के लिए कार्य करना। उन्होंने यह भी कहा कि संघ के कार्यकर्ता अपनी व्यक्तिगत भलाई के लिए कुछ नहीं करते, बल्कि समाज के भले के लिए अपनी पूरी शक्ति और संसाधन समर्पित करते हैं। उनका उद्देश्य केवल समाज को लाभ पहुंचाना नहीं, बल्कि पूरे विश्व में सकारात्मक बदलाव लाना है।