
जन एक्सप्रेस देहरादून। उत्तराखंड में मानसून और पश्चिमी विक्षोभ की संयुक्त सक्रियता ने मौसम को और भी उग्र बना दिया है। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से प्रदेश के कई जिले जलमग्न हो गए हैं। नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाएं तेजी से बढ़ गई हैं। सैकड़ों सड़कों पर यातायात बाधित है।
बारिश ने तोड़े रिकॉर्ड, बागेश्वर में सामान्य से 246% ज्यादा वर्षा
इस वर्ष मानसून ने अपने समय पर दस्तक दी और तब से लेकर अब तक प्रदेशभर में 1237.1 मिमी वर्षा दर्ज की जा चुकी है, जो कि सामान्य 999.8 मिमी के मुकाबले कहीं अधिक है।
जिलेवार वर्षा के आंकड़े:
बागेश्वर – 2336.8 मिमी (सामान्य: 674.5 मिमी) ➤ 246% अधिक
चमोली – 1203.7 मिमी (सामान्य: 627.6 मिमी) ➤ 92% अधिक
टिहरी – 1268.4 मिमी (सामान्य: 810.4 मिमी) ➤ 57% अधिक
हरिद्वार – 1296.6 मिमी (सामान्य: 845.5 मिमी) ➤ 53% अधिक
देहरादून – 1617.2 मिमी (सामान्य: 1249.9 मिमी) ➤ 29% अधिक
मौसम विभाग का अलर्ट: अगले 48 घंटे बेहद संवेदनशील
मौसम विभाग के निदेशक डॉ. चंद्र सिंह तोमर ने जानकारी दी कि पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के चलते देहरादून, नैनीताल, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, बागेश्वर, चंपावत और ऊधमसिंह नगर में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। कुछ क्षेत्रों में रेड अलर्ट भी प्रभावी है।
उन्होंने यह भी बताया कि आगामी 1-2 दिनों में यह विक्षोभ आगे बढ़ जाएगा, जिससे स्थिति में कुछ राहत मिल सकती है। हालांकि इस दौरान अत्यधिक सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
2013 जैसी परिस्थितियों की आशंका, वैज्ञानिकों में चिंता
कई मौसम विशेषज्ञ इस समय बनी जलवायु परिस्थितियों की तुलना 2013 की केदारनाथ आपदा से कर रहे हैं। डॉ. तोमर ने कहा, “ऐसी स्थितियां कभी-कभी बन जाती हैं जब मानसून और पश्चिमी विक्षोभ एक साथ सक्रिय हो जाते हैं, जिससे बारिश की तीव्रता अत्यधिक बढ़ जाती है।”
भूस्खलन और जलभराव से जनजीवन अस्त-व्यस्त
लगातार हो रही बारिश से:
सैकड़ों सड़क मार्ग अवरुद्ध हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क जिला मुख्यालयों से टूटा है।
कई नदियां उफान पर हैं, जिससे आसपास के गांवों को खाली कराया जा रहा है।
कृषि और व्यापार को भी बड़ा नुकसान हो रहा है।
प्रशासन की अपील: सुरक्षित स्थानों पर रहें, सतर्कता बरतें
आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और जलप्रवाह क्षेत्रों से दूर रहें, अनावश्यक यात्रा न करें और प्रशासन द्वारा जारी चेतावनियों का पालन करें।






