उत्तर प्रदेश

विरासत में गद्दी मिल सकती है बुद्धि नहीं: नंद गोपाल नंदी

अंबेडकरनगर: जनपद में प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल नंदी ने समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला है। नंदी बीजेपी से अंबेडकरनगर लोकसभा उम्मीदवार रितेश पांडे के समर्थन में अकबरपुर नगर के तक्षशिला एकादमी में आयोजित शोशल मीडिया लोकसभा वालेंटियर सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत किया।

भाजपा ने अपने कार्य और कार्यक्रम को सोशल मीडिया नेटवर्किंग के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने के लिए लोकसभा की बूथ स्तर तक के सोशल मीडिया के कार्यकर्ताओं की प्रशिक्षण का कार्यक्रम जिला मुख्यालय के एक प्रतिष्ठित विद्यालय में आयोजित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने भाजपा जिलाध्यक्ष त्रयंबक तिवारी, लोकसभा उम्मीदवार रितेश पांडे, लोकसभा प्रभारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह टिल्लू, संयोजक अवधेश द्विवेदी, सोशल मीडिया प्रभारी राना रणधीर सिंह, सोशल मीडिया संयोजक शाश्वत मिश्र, कार्यक्रम संचालक मनीष मिश्र के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मंत्री नंदगोपाल नंदी ने आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अखिलेश यादव को विरासत में गद्दी मिल सकती है बुद्धि नहीं। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कामों पर थूक कर चाटने वाली कहावत सच होती है। नंदी ने कहा कि पहले अखिलेश यादव कह रहे थे कि बीजेपी की वैक्सीन है नहीं लगवाऊंगा, लेकिन फिर लगवा लिए। अखिलेश ने बहुत से निर्णय लिए और फिर वापस लिए।

उन्होंने कहा कि अखिलेश की पार्टी के डीएनए में तुष्टिकरण जो विरासत में मिला है। सपा अपराधियों को पालने और पोसने वाली पार्टी है। पहले नारा लगता था जिस गाड़ी में सपा का झंडा समझो उसमें बैठा गुंडा। उन्होंने कहा कि मुख्तार अंसारी के घर अखिलेश का जाना उस पर चर्चा करना समय व्यर्थ करना हैं। हिंदुस्तान को चाहने वाले, सनातन को मानने वाले बीजेपी और मोदी को स्वीकार कर रहें हैं। समाजवादी के मुखिया अखिलेश यादव द्वारा बार-बार प्रत्याशी बदले जाने पर उन्होंन कहा कि किसी को विरासत में गद्दी मिल सकती है, बुद्धि नहीं। अखिलेश यादव पर थूक कर चाटने वाली कहावत सच साबित होती है। कोरोना काल मे जब देश के वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने वैक्सीन बनाई तो अखिलेश ने कहा कि यह बीजेपी की वैक्सीन है हम नहीं लगवाएंगे, लेकिन बाद में लगवाया। अखिलेश ने बहुत से निर्णय लिए बाद में उन निर्णयों को वापस लिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button