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कर्तव्य पथ पर बजेगा वीरेन्द्र वत्स का राष्ट्रवादी गीत

जन एक्सप्रेस/ लखनऊ: गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर निकलने वाली उत्तर प्रदेश की झांकी में इस बार भी राष्ट्रवादी कवि वीरेन्द्र वत्स का लिखा गीत गूंजेगा। इस गीत की खासियत यह है कि यह आधा हिंदी और आधा संस्कृत में रचा गया है। गीत के बोल हैं, “स्वर्गलोक की आभा उतरी तीर्थराज के आँगन में, झूम रहे हैं साधु-संत जन, पुलक भरा है तन-मन में। भव्योदिव्यो महाकुम्भ: सर्वसिद्धिप्रदायक:। प्रयागराजस्तीर्थानां प्रमुखो लोकविश्रुत:।” यह गीत उत्तर प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और दिव्य महाकुंभ के महत्व को दर्शाता है।

महाकुंभ की दिव्यता को करेगी प्रदर्शित उत्तर प्रदेश की झांकी
इस बार की झांकी का मुख्य विषय दिव्य और भव्य महाकुंभ है, जिसे प्रयागराज के विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व पर केंद्रित किया गया है। झांकी में तीर्थराज प्रयाग का भव्य स्वरूप, साधु-संतों की आध्यात्मिकता और महाकुंभ की अनुपम परंपरा को प्रस्तुत किया जाएगा। यह झांकी देशवासियों को उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान और महाकुंभ की गौरवशाली विरासत से परिचित कराएगी।

राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी हैं वत्स की रचनाएँ
वीरेन्द्र वत्स पिछले कई वर्षों से उत्तर प्रदेश की झांकी के लिए गीत लिखते आ रहे हैं। उनके गीतों ने झांकी को भावनात्मक गहराई और सांस्कृतिक गरिमा प्रदान की है। वत्स के गीतों से सजी झांकियों को राष्ट्रीय स्तर पर दो बार प्रथम पुरस्कार मिल चुका है। उनके इस योगदान ने उत्तर प्रदेश की झांकियों को एक विशेष पहचान दिलाई है।

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