दिल्ली/एनसीआर

वित्त वर्ष 2022-23 में 16.61 लाख करोड़ रुपये रहा शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह

– प्रत्यक्ष कर संग्रह 16.97 फीसदी उछलकर 2.41 लाख करोड़ रुपये है अधिक

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2022-23 में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह सरकार के अनुमान से ज्यादा 16.61 लाख करोड़ रुपये रहा है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2021-22 में प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.12 लाख करोड़ रुपये रहा था। यह 16.97 फीसदी उछलकर 2.41 लाख करोड़ रुपये अधिक रहा है।

वित्त मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 16.61 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। प्रत्यक्ष कर संग्रह वित्त वर्ष 2021-22 में 14.12 लाख करोड़ रुपये रहा था। यह 2.41 लाख करोड़ रुपये यानी 16.97 फीसदी ज्यादा है।

मंत्रालय के अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में प्रत्यक्ष कर संग्रह 16.61 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो बजट अनुमान से 16.97 फीसदी की उछाल के साथ 2.41 लाख करोड़ रुपये ज्यादा रहा है। सरकार ने केंद्रीय बजट अनुमान में 14.20 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य रखा था। इसे संशोधित अनुमान में बढ़ाकर 16.50 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया था लेकिन प्रत्यक्ष कर संग्रह का ये आंकड़ा बजट अनुमान से 16.97 फीसदी ज्यादा और संशोधित अनुमान से 0.69 फीसदी ज्यादा रहा है।

आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 19.68 लाख करोड़ रुपये रहा है। इस तरह वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में इसमें 20.33 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। वित्त वर्ष 2022-23 में सकल कॉर्पोरेट कर संग्रह 10,04,118 करोड़ रुपये रहा है। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इसमें 16.91 फीसदी की वृद्धि हुई है।

मंत्रालय के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में सकल व्यक्तिगत आयकर संग्रह 9,60,764 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2021-22 में 7,73,389 करोड़ रुपये रहा था। इस तरह इसमें एक वर्ष पहले की तुलना में 24.23 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2022-23 में 3,07,352 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया। इस तरह इसमें वित्त वर्ष 2021-22 के 2,23,658 करोड़ रुपये की तुलना में 37.42 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई।

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