यूपी के स्कूलों में नया आदेश: बच्चों को आंख दिखाना भी माना जाएगा अपराध
शिक्षकों पर सख्ती, मारना-डांटना ही नहीं, डराना-धमकाना, खड़ा करना और भेदभाव भी अब सख्त वर्जित; शिकायतों के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी

जन एक्सप्रेस, लखनऊ।उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा, सम्मान और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है। अब न केवल बच्चों को मारना-पीटना या डांटना अपराध की श्रेणी में आएगा, बल्कि उन्हें आंख दिखाने, धमकाने, कक्षा में खड़ा करने या अपमानित करने जैसे कृत्य भी सख्त रूप से प्रतिबंधित कर दिए गए हैं।बेसिक शिक्षा विभाग ने इस संबंध में शुक्रवार को सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। ये निर्देश सुप्रीम कोर्ट, बाल संरक्षण आयोग, और शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE)-2009 के अनुरूप जारी शासनादेश (12 मार्च 2024) के अनुपालन में दिए गए हैं।
स्कूलों में भयमुक्त माहौल अनिवार्य
निर्देशों में कहा गया है कि स्कूलों में बच्चों के लिए एक सुरक्षित, सम्मानजनक और भयमुक्त वातावरण सुनिश्चित किया जाए। किसी भी रूप में शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक या लैंगिक उत्पीड़न स्वीकार नहीं किया जाएगा। मारपीट या डराना ,आंख दिखाना या धमकी देना ,किताब-कापी न लाने पर कक्षा में खड़ा करना ,जातिगत या लैंगिक भेदभाव ,अनुचित टिप्पणी या तिरस्कार ,किसी भी प्रकार का अपमान ,सहपाठियों द्वारा किए गए उत्पीड़न को नजरअंदाज करना बेसिक शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी विद्यालय में इस तरह की शिकायत पाई गई, तो संबंधित शिक्षक या प्रबंधक के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। सभी स्कूलों को शासनादेश की सॉफ्ट कॉपी पहुंचाने और शिक्षकों को इसके पालन के लिए प्रशिक्षित करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
बच्चों को भी बताए जाएंगे उनके अधिकार
शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों को भी RTE एक्ट-2009 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 के प्रावधानों की जानकारी दी जाएगी, ताकि वे अपने अधिकार समझ सकें और भेदभाव या उत्पीड़न की स्थिति में आवाज उठा सकें।
शिकायतों के लिए टोल फ्री नंबर जारी
बच्चों, अभिभावकों या आमजन की शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए विभाग ने टोल फ्री नंबर 1800-889-3277 जारी किया है।
इस नंबर को सभी बेसिक स्कूलों के नोटिस बोर्ड और मुख्य द्वार पर स्थायी रूप से प्रदर्शित करने का निर्देश दिया गया है।






