आवारा पशु की तरह घूम रहे बाघ के प्रति गंभीर नहीं अफसर
मटैना कॉलोनी में बाघिन की पीट-पीटकर हत्या के बाद भी सबक नहीं ले रहे वनाधिकारी

जन एक्सप्रेस/प्रशान्त शर्मा
पूरनपुर। हरदोई ब्रांच नहर की पटरियों की झाड़ियों में ढेड माह से डेरा जमाए बाघ जंगल वापस लौटने की दशा में नहीं है। बीते दो सप्ताह से लगातार बाघ का ग्रामीण और राहगीरों से आमना-सामना हो रहा है। इस दशा में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है। लगातार पत्राचार के बाद भी वन विभाग के अफसर आवारा पशु की तरह घूम रहे बाघ को पकड़ने के प्रति गंभीर नहीं है
मानव वन्यजीव संघर्ष की घटना से नहीं किया जा सकता इंनकार
तीन जून को पीलीभीत टाइगर रिजर्व की माला रेंज से निकल कर एक बाघ अभयपुर माधोपुर व मनहरिया के बीच आबादी क्षेत्र में पहुंच गया था। बाघ ने खन्नौत नदी को अपना ठिकाना बना लिया। आठ जून को बाघ अभयपुर माधोपुर में एक फार्मर के घर के पास पहुंच गया था। जिसके बाद ग्रामीणों ने बाघ को ट्रैक्टरों से घेर लिया था। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम से भी ग्रामीणों की जमकर नोकझोंक हुई थी। पुलिस के पहुंचने पर बमुश्किल ग्रामीणों को शांत कराया गया। कुछ दिन खन्नौत नदी में रुकने के बाद बाघ ने हरदोई ब्रांच नहर की पटरियों पर खड़ी झाड़ियों को अपना ठिकाना बना लिया। बाघ को कैद करने के लिए पिंजरा भी लगाया गया था,लेकिन बाघ पिंजरे में कैद नहीं हुआ। कुछ दिनों तक बाघ का मूवमेंट कम देखा गया। अचानक एक जुलाई से बाघ की सक्रियता बढ़ गई।बाघ वन विभाग के लिए सिरदर्द बन गया। तीस जून को देर रात बाघ रिहायशी इलाके में पहुंचने के बाद आक्रोशित ग्रामीणों कि वन विभाग से तीखी झड़प हुई। मौके पर पुलिस को बुलाना पड़ा। विधायक पुत्र ऋतुराज पासवान के मौके पर पहुंचने के बाद बमुश्किल आक्रोशित ग्रामीणों को बाघ जल्द पकड़ने के आश्वासन पर शांत कराया गया। 10 जुलाई को बाघ तेरह मिल के पास ध्यान केंद्र के सामने हरदोई ब्रांच नहर की पूर्वी पटरी पर आराम फरमा रहा था। बाघ को देख कार सवार राहगीरों ने वाहनों को रोक लिया। तमाम राहगीरों के साथ क्षेत्रीय विधायक की भी गाड़ी वहां रुक गई। कार सवारों ने बाघ को पूरी तरह से घेर लिया।आराम फरमा रहे बाघ के उठने पर कार सवारों में भगदड़ मच गई। राहगीरों ने बाघ का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। बाघ कभी हरदोई ब्रांच नहर की पक्की पटरी पर तो कभी रिहायशी इलाके में पहुंचकर दहशत का पर्याय बना हुआ है। बाघ की लगातार चहलकदमी से मॉनिटरिंग में लगी वन विभाग की टीम की भी खासी फजीहत हो रही है। आक्रोशित ग्रामीण आए दिन वन विभाग की टीम का घेराव कर खरी खोटी सुना रहे हैं। लगातार बाघ के मानवीय संपर्क में आने से मानव वन्यजीव संघर्ष की आशंका जताई जा रही है।
वन विभाग की लापरवाही से बढ़ रहा ग्रामीणों का गुस्सा
जंगल से निकलकर आबादी क्षेत्र में पहुंचने वाले बाघ को जंगल वापस भेजने की मांग कर रहे ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि बाघ की दहशत के चलते वह अपने खेतों की देखभाल नहीं कर पा रहे हैं। जिससे फसलें प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी शीघ्र ही बाघ पकड़ने का आश्वासन देकर मौके से चले जाते हैं।
आधा दर्जन पशुओं को अपना निवाला बना चुका बाघ
डेढ़ माह से हरदोई ब्रांच नहर की पटरी व रिहायशी इलाके में विचरण करने वाला बाघ आधा दर्जन से अधिक आवारा पशुओं को अपना निवाला बना चुका है। नहर की पटरियों पर शिकार ना मिलने पर बाघ रिहायशी इलाके में भी पहुंचने से कोई गुरेज नहीं कर रहा है।
इसी माह 2019 में हुई थी बाघिन की हत्या
24 जुलाई को टाइगर रिजर्व के दियोरिया रेंज के जंगल के पास मानव-बाघिन संघर्ष की घटना हुई थी। इसमें बाघिन की ग्रामीणों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।वहीं, एक ग्रामीण की भी बाघिन के हमले में मौत हो गई थी। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद इसकी गूंज शासन तक पहुंची थी। शासन की ओर से मामले की जांच के लिए कमेटी गठित की गई थी। जांच में विभागीय कर्मियों की भी लापरवाही उजागर हुई थी। इसके बाद एक वन दारोगा को निलंबित कर दिया गया था।बाघ के मूवमेंट से बाघिन की हत्या का घटनास्थल मात्र चार कि.मी. दूर है।
इस माह यहां देखा गया बाघ
1 जुलाई को बाघ ध्यान केंद्र के पास पहुंच गया।आक्रोशित ग्रामीणों की वन विभाग से नोकझोंक हुई। मौके पर पहुंचे एसडीओ की भी खासी फजीहत हुई थी।
2 जुलाई को भी बाघ तेरह मील के पास नहर की पश्चिमप पटरी पर देखा गया।
4 जुलाई को हरदोई ब्रांच नहर की पश्चिमी पटरी पर अभयपुर माधोपुर में बाघ के पदचिन्ह मिले।
5 जुलाई को हरदोई ब्रांच नहर की पश्चिमी पटरी पर माधोपुर में एक किसान के खेत में बाघ के पगचिह्न मिले।
6 जुलाई को हरदोई ब्रांच नहर की पश्चिमी पटरी पर अभयपुर के पास खेत में बाघ के पगचिह्न मिले।
7 जुलाई को मनहरिया खुर्द में खन्नौत नदी के किनारे एक गन्ने के खेत में बाघ के पगचिह्न मिले।
8 जुलाई को शाहगढ़ में कृषि विभाग के एक सरकारी फार्म के सामने गन्ने के खेत में खन्नौत नदी की ओर जाते हुए बाघ के पगचिह्न मिले।
9 जुलाई को उदय करनपुर निवासी सोनी सिंह के फार्म के पड़ोस में खन्नौत नदी में बाघ के पदचिन्ह मिले।
10 जुलाई को 13 मिल पर ध्यान केंद्र के पास हरदोई ब्रांच नहर की पश्चिमी पटरी पर बाघ देखा गया ,जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था।