
जन एक्सप्रेस हरिद्वार: छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के अवसर पर हरिद्वार स्थित गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में छत्तीसगढ़ मूल के कार्यकर्ताओं द्वारा स्नेह मिलन समारोह का आयोजन किया गया। रायपुर से लगभग डेढ़ हजार किलोमीटर दूर बसे इस आध्यात्मिक केंद्र में छत्तीसगढ़ी संस्कृति और लोक परंपराओं की मनमोहक झलक देखने को मिली।कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं गायत्री मंत्र के साथ हुआ। इसके पश्चात कार्यकर्ताओं ने पारंपरिक सुवा गीत, लोकनृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से मातृभूमि के प्रति अपनी भावनाएँ व्यक्त कीं। इस दौरान छत्तीसगढ़ के इतिहास, गौरव एवं सांस्कृतिक विरासत को भावपूर्ण रूप से स्मरण किया गया।समारोह में शांतिकुंज महिला मंडल की प्रमुख शैफाली पंड्या एवं व्यवस्थापक योगेन्द्र गिरि मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कार्यकर्ताओं के उत्साह की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति भारतीय संस्कृति का जीवंत प्रतीक है। यहां के कार्यकर्ताओं का समर्पण पूरे देश के लिए प्रेरणा है। मुख्य अतिथि को कार्यकत्र्ताओं ने स्मृति चिह्न आदि भेंटकर सम्मानित किया। ज्ञातव्य है कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापकद्वय युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य एवं वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा छत्तीसगढ़ को अपना हृदय मानते थे। वे अनेक बार छत्तीसगढ़ प्रवास पर गए और वहां के कार्यकर्ताओं को सांस्कृतिक उन्नयन एवं युग निर्माण के कार्यों हेतु प्रेरित करते रहे।इसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पंड्या भी अनेक बार छत्तीसगढ़ की यात्राएँ कर चुके हैं। उन्होंने युग निर्माण योजना से जुड़े प्राणवान कार्यकर्ताओं को प्रेरणा एवं मार्गदर्शन प्रदान किया।समारोह के अंत में सभी को राष्ट्र, समाज और संस्कृति के उत्थान के लिए सक्रिय योगदान देने का आह्वान किया गया। कार्यक्रम का समापन छत्तीसगढ़ी लोकगीत एवं सामूहिक प्रार्थना के साथ हुआ। इस अवसर पर शांतिकुंज परिवार के वरिष्ठ कार्यकर्ता तथा छत्तीसगढ़ मूल निवासी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। पूरे आयोजन के दौरान सौहाद्र्र, एकता और सांस्कृतिक गौरव की भावना वातावरण में व्याप्त रही।इस मौके पर सीताराम सिन्हा, बलदाऊ देवांगन कामता प्रसाद साहू सियाराम मातलाम परमेश्वर साहू सहित सैकड़ो छत्तीसगढ़ी भाई बहन उपस्थित रहे.






