शिक्षा में लैंगिक समानता विषय पर सेमिनार का आयोजन
जन एक्सप्रेस/संवाददाता
जौनपुर। केराकत थाना क्षेत्र के एसकेबी शिक्षण संस्थान रग्घुपुर बेहड़ा में शिक्षा मे लैंगिक समानता विषय पर सेमिनार का आयोजन हुआ। सेमिनार के दौरान वक्ताओं और विद्यालय की छात्र-छात्राओं ने अपने विचार प्रकट किए।
सेमिनार को संबोधित करते हुए झांसी से आए डीएवी कॉलेज झांसी के बीएड विभागाध्यक्ष व मुख्य अतिथि डॉ जेएन सिंह ने कहा कि शिक्षा में लैंगिक समानता व समाज में लैंगिक समानता के दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं, परंतु उक्त कानूनों का सही से अनुपालन नहीं होने के कारण उसका समुचित लाभ नहीं मिल पाता है, अपने कर्तव्यों का निष्ठा पूर्वक निर्वहन अगर किया जाए तो निश्चित रूप से हमारा समाज इस दिशा की ओर अग्रसर होगा।
शिक्षक बच्चों को भावनात्मक बुद्धिमत्ता को अपनाना और अपनी भावनाओं को स्वस्थ तरीके से व्यक्त करना सिखा सकते हैं। यह विषाक्त मर्दानगी को तोड़ने और सभी लिंगों के लिए अधिक समावेशी वातावरण बनाने में मदद कर सकता है। इसी तरह, माता-पिता को लिंग की परवाह किए बिना बच्चों को उनकी रुचियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। लड़कियों को सभी उद्योगों में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए, चाहे वह खेल हो या विज्ञान। इससे न केवल लैंगिक बाधाओं को तोड़ने में मदद मिलेगी बल्कि समग्र रूप से समाज के लिए अधिक नवाचार और प्रगति होगी।
एमकेजी पीजी कॉलेज प्रतापगढ़ से आए डॉ मनोज दुबे ने विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सदियों से दुनिया भर में पितृसत्तात्मक समाज ने पुरुषों को यह विश्वास दिलाया है कि वे विशेष हैं और अब इस लिंग आधारित असमानता को दूर करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में प्रगति के बावजूद, शिक्षा में लैंगिक असमानता दुनिया भर में एक व्यापक मुद्दा बनी हुई है। एक साथ काम करके, स्कूल, समुदाय और नीति निर्माता एक ऐसा वातावरण बना सकते हैं जहां दोनों लिंग शैक्षणिक और व्यक्तिगत रूप से आगे बढ़ सकें और जहां लैंगिक असमानता अतीत की बात हो। शिक्षा में लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए पहला कदम समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा देना है। इसमें लैंगिक रूढ़िवादिता को चुनौती देना और दोनों लिंगों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना शामिल है।
कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर उदय प्रताप सिंह व अध्यक्षता डॉ जेएन सिंह ने किया। इस अवसर पर प्राचार्य डॉ विमल कुमार, डॉ प्रशांत सिंह, डॉ गौरव सिंह, धर्मपाल सिंह प्रबंधक चंद्रभान सिंह, कर्मचारीगण और छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।