गोंडा में मौत की सवारी: मंदिर जा रही बोलेरो नहर में समाई, 11 की दर्दनाक मौत
पल भर में सब खत्म हो गया...’ — जिंदा बची लड़की ने सुनाई हादसे की दहला देने वाली कहानी

जन एक्सप्रेस गोंडा : उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में रविवार को एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया। मंदिर दर्शन को निकले श्रद्धालुओं से भरी बोलेरो अनियंत्रित होकर इटियाथोक थाना क्षेत्र की नहर में जा गिरी। हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि कुछ लोग घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती हैं।
‘पता ही नहीं चला… बस पलट गई गाड़ी’
बोलेरो में सवार एक किशोरी, जो हादसे में किसी तरह बच निकली, ने रोते हुए कहा, हमें कुछ समझ ही नहीं आया, सब बहुत जल्दी हुआ। हम मंदिर दर्शन को निकले थे… और बस, एक झटका लगा, गाड़ी पलट गई और पानी में समा गई।”
वो बताती है कि अंदर बैठे लोग चीख रहे थे, मदद के लिए पुकार रहे थे, लेकिन गाड़ी का दरवाज़ा नहीं खुला, सब कुछ कुछ ही मिनटों में खत्म हो गया।
भारी बारिश बनी हादसे की वजह
पुलिस के मुताबिक, भारी बारिश के चलते रास्ता फिसलन भरा हो गया था, जिससे चालक बोलेरो पर नियंत्रण नहीं रख सका। तेज़ रफ्तार में गाड़ी फिसलकर सीधे नहर में जा गिरी। 15 लोगों से भरी बोलेरो पानी में डूब गई।डूबते हुए लोगों ने खिड़की और दरवाजे खोलने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे। 11 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
राहत-बचाव अभियान जारी
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन और राहत दल मौके पर पहुंच गए। बचाव कार्यों में देरी न हो, इसके लिए SDRF, स्थानीय पुलिस और ग्रामीणों की मदद ली जा रही है। घायलों को तत्काल अस्पताल भेजा गया, और मृतकों के परिजनों को सूचित किया गया।
सीएम योगी ने जताया शोक, 5 लाख मुआवज़े की घोषणा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना जताई है।
उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा: जनपद गोण्डा में दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में हुई जनहानि अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है… दिवंगतों के परिजनों को ₹05-05 लाख की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए गए हैं।”साथ ही, उन्होंने प्रशासन को घायलों को बेहतर उपचार देने और राहत कार्यों में तत्परता बरतने के आदेश दिए हैं। गोंडा का यह हादसा एक बार फिर यह सवाल छोड़ गया है कि क्या खराब मौसम में यात्राओं पर नियंत्रण और सड़कों की निगरानी नहीं होनी चाहिए? बारिश, तेज़ रफ्तार और लापरवाही ने एक साथ मिलकर 11 जिंदगियों को छीन लिया। अब ज़रूरत है, सिर्फ़ संवेदना नहीं, स्थायी समाधान की।






