केशव थलवाल मामले मे पुलिस जाँच रिपोर्ट अभी तक नहीं आई सामने
पत्रकार सुधांशु थपलियाल की गिरफ्तारी मे भी हुए थे पुलिस जाँच के आदेश

जन एक्सप्रेस/उत्तराखंड: उत्तराखंड पुलिस की कार्य शैली अब सवालों के घेरे मे नजर आती दिख रही है, आये दिन सोशल मीडिया मे आमजन द्वारा पुलिस पर कई संगीन आरोप लगाए जा रहे है | हाल ही मे टिहरी निवासी केशव थलवाल ने पुलिस पर थाने ले जाकर पेशाब पिलाने और थूक चटाने जैसे गंभीर आरोप लगाये थे, सोशल मीडिया मे ये मामला आने के बाद पुलिस की खूब किरकिरी हुई थी , हर कोई इस मामले मे निष्पक्ष जाँच की मांग करने लगा था, मामला गरमाता देख आला अधिकारियों ने इसमें जाँच के आदेश तक दे दिए थे लेकिन करीब एक महीना बीत जाने के बाद भी उस जाँच के बारे मे केशव को कुछ पता नहीं है | हालांकि केशव शुरुआत से ही पुलिस जाँच के पक्ष मे नहीं था वो सोशल मीडिया के माध्यम से अपने लिए सीबीआई जाँच और नार्को टेस्ट की मांग कर रहा था , केशव का पुलिस जाँच पर भरोसा न करने की वजह पुलिस की कार्यशैली बताई जा रही है, आपको बता दे कि कोटद्वार के पत्रकार सुधांशु थपलियाल की गिरफ्तारी मे भी ऐसी ही एक पुलिस जाँच के आदेश हुये थे जिसकी जाँच रिपोर्ट आज तक सामने नहीं आ पाई है, दरसल कोटद्वार के सिद्ध बली मंदिर मार्ग मे इसी वर्ष जनवरी माह मे हुए सड़क हादसे मे अंजली की मौत हो गई थी जिसमे आरोपी स्कूटी सवार अंजली को कार से टक्कऱ मारकर फरार हो गया था, जिसके बाद अंजली की माँ आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस से लगातार गुहार लगा रही थी लेकिन पुलिस द्वारा ज़ब आरोपी को नहीं पकड़ा गया तो अंजली की माँ ने पत्रकार सुधांशु थपलियाल से मदद मांगी थी, पत्रकार ने अंजली की माँ को न्याय दिलाने के उद्देश्य से अपने फेसबुक पेज पर घटना की जानकारी साझा करते हुए एक पोस्ट डाली थी ताकि आरोपी कार चालक को जल्द पकड़कर अंजली की माँ को न्याय मिल सके लेकिन वो पोस्ट पुलिसकर्मियों को इतनी ना गवारा हुई कि पुलिस आरोपी कार चालक को पकड़ने की बजाय पोस्ट करने वाले दिन ही पत्रकार सुधांशु थपलियाल को उनके घर गिरफ्तार करने आ पहुंची थी और इस हैरतअंगेज कारनामा करने के लिए पुलिस के 5 सब इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी और दो सिपाही सुधांशु के घर देर रात पहुंचे थे, सुधांशु का कहना है कि पुलिस बिना वारंट और नोटिस के उनके घऱ आई थी और उनको साजिशन कोटद्वार थाने ले आई थी जिसके बाद उनसे कोरे कागजो मे जबरन हस्ताक्षर करवाकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था और उनको रात भर लॉकअप मे रखा गया था , इस घटना की भनक ज़ब मीडिया संगठनों को हुई तो देहरादून से लेकर दिल्ली प्रेस क्लब तक के पत्रकारों ने इस गिरफ्तारी की निंदा करनी शुरु कर दी थी, प्रदेश के मीडिया संगठनों ने उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक से मिलकर इस गिरफ्तारी की जाँच की मांग की थी तो महानिदेशक ने आई जी गढ़वाल को इसकी जाँच सौप दी, लेकिन आज जाँच को कई महीने बीत चुके है, उस जाँच मे कौन दोषी पाया गया ये आज भी पत्रकार के लिए एक बड़ा रहस्य बना हुआ है |
बताते चले कि सुधांशु थपलियाल एक स्वतंत्र पत्रकार है जो कई राष्ट्रीय चैनलो और अखबारों के लिए खबर लिखते है और पत्रकारिता मे वो अपनी निर्भीकता और निडरतापूर्ण लेखनी के लिए जाने जाते है |
अपनी बेटी खो चुकी एक माँ को न्याय दिलाने के लिए मैंने आवाज़ उठाई थी जिसके बदले मे पुलिस मुझे रात को घर से उठा कर थाने ले गई थी और मुझ पर मुकदमा दर्ज कर रात भर लॉकअप मे रखा था , इस मामले मे पुलिस जाँच के आदेश तो हुए थे लेकिन वो जाँच आजतक रहस्य ही रही, पुलिस हमेशा अपने कर्मियों को बचाने का काम करती है,-पत्रकार सुधांशु थपलियाल
मुझे पुलिस जाँच पऱ भरोसा शुरू से नहीं है फिर भी मैं जाँच अधिकारी सीओ श्रीनगर को अपने मामले से जुड़े कई अहम सबूत दे चुका हूँ लेकिन अभी भी जाँच ही चल रही है और मुझे भरोसा है कि मेरे द्वारा सबूत देने के बाद भी दोषी पुलिस कर्मियों पर कोई कार्यवाही नहीं होंगी
केशव थलवाल






