देश

ग्रीन ग्वालियर क्लीन ग्वालियर के लिए योजना बनाकर करें तैयारीः कमिश्नर

ग्वालियर। शहर व उसके आस-पास व्यवस्थित एवं वृहद पौधा रोपण करने व सभी पौधों का संरक्षण करने के लिए सभी को मिलकर साथ आना होगा और सभी विभाग, संस्थायें एवं सामाजिक कार्यकर्ता पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझें और इस अभियान को घर-घर तक पहुँचाएं, जिससे जिले का प्रत्येक घर पौधा रोपण अभियान में सहभागिता कर सके। जिसके यहां जगह है वह अपने आंगन अथवा भवन परिसर में और जिसके यहां जगह नहीं है वह गमलों में पौधा रोपण कर इस अभियान में सहभागी बनें।

यह विचार संभागीय आयुक्त दीपक सिंह ने बुधवार को बाल भवन में आयोजित पौधा रोपण प्लानिंग की बैठक में व्यक्त किए। ग्रीन ग्वालियर-क्लीन ग्वालियर के नारे के साथ आगामी वर्षा ऋतु में ग्वालियर शहर व उसके आस-पास बेहतर तरीके से पौधारोपण कैसे करें और अधिक से अधिक पौधों का सर्वाइवल कैसे हो, इस संबंध में एक वृहद बैठक का आयोजन संभागीय आयुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई।

बैठक में कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने कहा कि यदि हमारा ग्वालियर हरा भरा होगा तो स्वच्छ भी होगा और शहर वासी स्वास्थ भी होंगे। इसलिए सभी लोग मिलकर जिम्मेदारी के साथ अधिक से अधिक पौधा रोपण करें और पौधों के संरक्षण की जिम्मेदारी लें। इसके साथ ही पौधे रोप कर उनको वायु दूत एप पर अपलोड अवश्य करें।

नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह ने कहा कि नगर निगम ग्वालियर द्वारा आगामी पौधा रोपण को लेकर वृहद स्तर पर योजना तैयार की है जिसमें हम शहर के लगभग 110 अर्धविकशित पार्कों को में प्लांटेशन करेगें तथा नये रोड पर डिवाइडर व अन्य स्थानों पर जगह चिन्हित कर पौधा रोपण की योजना तैयार कर ली है। इसके साथ ही नगर निगम ग्वालियर की नर्सरी तथा विभिन्न पार्कों में पौध तैयार की जा रही है जिनका उपयोग प्लांटेशन के दौरान किया जाएगा।

सीईओ जिला पंचायत विवेक कुमार ने कहा कि जिला पंचायत द्वारा मनरेगा के प्रोजेक्ट में तथा अन्य नई लोकेशन चिन्हित करने के साथ ही घाटीगांव के आस-पास वृहद स्तर पर पौधा रोपण किया जाएगा। इसके साथ ही अमृत सरोवर योजना तथा ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल व आंगनवाडी क्षेत्रों को भी चिन्हित किया जाएगा। जिला पंचायत द्वारा स्व सहायता समूहों के माध्यम से पौध तैयार कराई जाएगी।

पूर्व संभागीय आयुक्त बीएम शर्मा ने कहा कि चूंकि इस बार मौसम विभाग द्वारा इस क्षेत्र में कम वारिश की संभावना व्यक्त की है इसलिए हमें कम पानी वाले पौधों का चयन करना चाहिए। साथ ही चार से पांच फीट की ऊंचाई के पौधे अधिक से अधिक रोपने चाहिए। ज्यादा स्थानों पर पौधा रोपण करने के बजाय यदि एक एक पहाडी विभिन्न विभागों द्वारा पौधा रोपण के लिए चयन कर ली जाएं जिस पर अधिक से अधिक पौधा रोपण हो सके तथा उनका संरक्षण हो सके। इसके साथ ही डिवाइडर इत्यादि पर पौधे लगाते समय उसकी जिम्मेदारी समिति को देनी चाहिए तथा समिति को प्रशिक्षित भी करें। शर्मा ने कहा कि शहर वासियों में पर्यावरण चेतना के लिए निजी प्रयासों के आधार पर सबसे अच्छे गार्डन, टैरिफ गार्डन को प्रचारित करें और उनको पुरूस्कृत करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button