रोहित हत्याकांड के बाद बवाल, एसपी देहात ने पकड़ा राज्य मंत्री दिनेश खटीक का हाथ

मेरठ । मवाना में किला बस स्टैंड पर रविवार को पॉलीथिन नहीं देने पर चाय विक्रेता के बेटे की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी थी। मृतक के शव के पोस्टमार्टम के बाद सोमवार को मुआवजे की मांग को लेकर सड़क पर जमा लगा दिया। प्रदेश के जलशक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक मृतक परिवार से मिलने पहुंचे। राज्य मंत्री ने आरोपितों के घर पर बुलडोजर चलाने के लिए कहा तो एसपी देहात ने माहौल बिगड़ने का हवाला देकर इनकार कर दिया। एसपी देहात ने राज्य मंत्री का हाथ पकड़ लिया तो मंत्री आगबबूला हो गए। बाद में एडीएम वित्त एवं राजस्व ने किसी तरह से माहौल को संभाला।
ढिकोली गांव निवासी विनोद सेन की मवाना में किला परीक्षितगढ़ बस स्टैंड पर चाय का खोखा है। रविवार की दोपहर विनोद अपने घर चला गया तो उनका बेटा रोहित सेन (26 वर्ष) चाय बना रहा था। दोपहर बाद फारूक, उसका भाई समीर, फैजान, तरुण व दो अज्ञात युवक दुकान पर आए और रोहित से पॉलीथिन मांगी। पॉलीथिन नहीं रखने की बात कहने पर आरोपितों ने गाली-गलौच करते हुए रोहित की पीठ व गर्दन पर चाकुओं से कई वार किए। इससे बस अड्डे पर अफरातफरी मच गया। लोगों ने एक हमलावर को पकड़ लिया और बाकी हमलावर फरार हो गए। लोग घायल रोहित को लेकर मेरठ के लोकप्रिय अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पकड़े गए हमलावर की पहचान तरुण पुत्र नरेंद्र गुर्जर निवासी अटौड़ा के रूप में हुई। फरार हमलावरों में छह मुस्लिम होने के कारण लोगों में आक्रौश फैल गया। हिन्दू संगठन के कार्यकर्ता मौके पर पहुंच गए।
मृतक का सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद शव आया तो लोग आक्रोशित हो गए और उन्होंने सड़क पर जाम लगा दिया। लोगों ने नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी, 50 लाख रुपये का मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग उठाई। लोगों ने नामजद आरोपित डॉ. फराहिम को बचाने का पुलिस पर आरोप लगाया। प्रदेश के राज्य मंत्री दिनेश खटीक भी मृतक परिवार से मिलने पहुंच गए। एडीएम वित्त व राजस्व सूर्यकांत त्रिपाठी, एसपी देहात कमलेश बहादुर, एसपी क्राइम अवनीश कुमार आदि अधिकारी मौके पर पहुंच गए। राज्य मंत्री ने आरोपितों के घरों पर बुलडोजर चलाने को कहा, लेकिन एसपी देहात ने माहौल बिगड़ने का हवाला देते हुए इसमें मजबूरी जताई। इस पर राज्य मंत्री व एसपी देहात के बीच तीखी नोंकझोंक हुई। एसपी देहात ने राज्यमंत्री का हाथ पकड़ लिया तो वे आगबबूला हो गए। किसी तरह एडीएम वित्त ने मामले को संभाला। पुलिस चौकी पर राज्य मंत्री, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों और मृतकों के परिजनों के बीच वार्ता चल रही है और लोगों का धरना जारी है।