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राजनाथ सिंह बोले- अब कांग्रेस के कुशासन से जूझ रही जनता

भाजपा ने अपनी ताकत लगाने की शुरूआत कर दी है। आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांकेर में जनसभा को संबोधित किया। अपने संबोधन के जरिए राजनाथ ने कांग्रेस पर जबरदस्त तरीके से निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा की रमन सिंह सरकार ने खूब काम किया लेकिन 2018 के बाद सभी विकास के काम रोक दिए गए। उन्होंने कहा कि मुझे पहली बार छत्तीसगढ़ का प्रभारी बनाकर भेजा गया था। उस समय कांग्रेस के कुशासन से छत्तीसगढ़ की जनता जूझ रही थी। तब कांग्रेस की हुकूमत थी, अत्याचार, ज़ुल्म था, लोग त्रस्त थे।

राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सब कुछ तब हुआ जब पन्द्रह में से केवल पांच साल ही भाजपा की सरकार केंद्र में थी यानि डबल इंजन का जो पावर है वह रमन सिंह को केवल पांच साल ही मिला। इसके बावजूद उन्होंने छत्तीसगढ को बनाया, सजाया, संवारा और देश का एक प्रगतिशील राज्य बनाया। उन्होंने कहा कि मगर 2018 के विधानसभा चुनावों में आप लोगों ने जनादेश देकर सरकार बदल दी क्योकि आप लोगों ने उस समय कांग्रेस की कुछ गारंटियों पर भरोसा कर लिया। आप को लगता था कि नई सरकार बनेगी तो काम और तेज होगा। मगर नतीजा उल्टा हुआ। उन्होंने कहा कि जिस तरह से रमन सिंह जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार छत्तीसगढ को आगे ले जा रही थी कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने प्रदेश की दिशा ही बदल दी।

जबकि केंद्र की मोदी जी की सरकार ने छत्तीसगढ के साथ कोई सैतेला व्यवहार नहीं किया। उन्होंने कहा कि घोटालो की लम्बी लिस्ट मेरे पास है। गोठान घोटाला, राशन घोटाला, शराब घोटाला और फिर कांग्रेस का पसंदीदा कोयला घोटाला भी छत्तीसगढ़ में हुआ है। छत्तीसगढ़ की सरकार ने शराबबंदी का वादा किया, गंगाजल हाथ में ले कर वादा किया। और शराब की होम डिलीवरी शुरू कर दी। किसानों को कर्ज मुक्त करने का वादा किया। वह भी नहीं किया।

दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों का रखा ध्यान
रक्षा मंत्री ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने इसी संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए आदिवासी समाज के बहुतायत संख्या वाले दो राज्य छत्तीसगढ और झारखंड का गठन किया। इतना ही नहीं अटल जी ने आदिवासी कल्याण के लिए एक अलग मंत्रालय भी बनाया। उन्होंने कहा कि देश के दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के लिए जो प्रतिबद्धता अटल जी के दिल में थी वही प्रतिबद्धता हमारे आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल में भी है।

क्या आपने कभी सोचा था कि आदिवासी समाज की बेटी देश की राष्ट्रपति बन सकेगी। आज वह करिश्मा हो गया है। भाइयों बहनों छत्तीसगढ बनाने के पीछे हमारे उस समय के प्रधानमंत्री अटलजी की एक ही मंशा थी कि हमारे आदिवासी भाइयो को जो सैंकड़ो साल से विकास की यात्रा में पिछड़ते रहे है, उन्हें भी आगे आने का मौका मिले।

सबका हो रहा विकास
भाजपा नेता ने कहा कि आज भारत अपनी स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ मना रहा है, तब बस्तर की इस पुनीत माटी से अपने जन, जंगल, जमीन के लिए अंग्रेजों से लड़ते हुए, उनके दांत खट्टे करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर शहीद गुंडाधुर जैसे नायकों का स्मरण आना सहज ही है। उन्होंने कहा कि आज जब हम राष्ट्रीय मंचों से राष्ट्र निर्माण में आदिवासी समाज के योगदान की चर्चा करते हैं, तो कुछ लोगों को आश्चर्य होता है।

ऐसे लोग यह नहीं समझते कि भारत की संस्कृति को मजबूत करने में आदिवासी समाज का कितना योगदान है। जबकि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में आज आदिवासी क्षेत्रों में भी गरीबों के लिए घर, शौचालय, मुफ्त बिजली और गैस कनेक्शन, स्कूल, सड़क और मुफ्त इलाज जैसी सुविधाएं उसी तेजी से मिल रही हैं, जैसी देश के बाकी हिस्सों में।

वामपंथी उग्रवाद पर चोट
रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले नौ वर्षों से वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ जिस तरह का प्रभावी कार्रवार्इ मोदीजी के नेतृत्व में हुई है, उसके कारण आज वामपंथी उग्रवाद बमुश्किल 10-12 जिलों में ही सिमट गया है। उनमें से कुछ जिले इस छत्तीसगढ़ राज्य में है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से भी वामपंथी उग्रवाद पूरी तरह समाप्त हो गया होता यदि यहां कि प्रदेश सरकार ने पिछले चार सालों में यहां वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ तत्परता से कारवाई की होती। इसका खामियाजा आज छत्तीसगढ़ की जनता को भुगतना पड़ रहा।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धर्मांतरण की जो गतिविधयां चल रही है, उस पर भी प्रभावी कार्रवाई नही की गई है। बस्तर के भोले भाले आदिवासियों को लोभ और प्रलोभन देकर उनका धर्मांतरण कराना देश और समाज के लिए चिंता का विषय है।

हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि हम जो कहते हैं वह करते हैं। हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है। हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बड़ी प्रतिबद्धता से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज हमारे प्रधानमंत्री मोदीजी को ऑस्ट्रेलिया का प्रधानमंत्री बॉस कह कर बुलाते हैं

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