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रेलवे की सतर्कता टीम में राजस्व चोरी का खुलासा , मानक से ज्यादा पाया गया समान

बोगीयों में मॉल बुकिंग में भारी अनियमितता, जनता के जान से खिलवाड़

जन एक्सप्रेस/गाजियाबाद: गाजियाबाद रेल दुर्घटना की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए रेलवे गंभीर प्रयास कर रहा है। लेकिन रेलवे के ही कमर्चारियों की लापरवाही और ट्रांसपोर्ट में लगी कम्पनियों की मिली भगत से सुरक्षा के साथ साथ रेलवे के राजस्व के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। जिसका खुलासा रेलवे की उत्तर मध्य रेलवे की सतर्कता दल के छापे के बाद हुआ है।
2 मई 20025 को ट्रेन संख्या 12625 केरल एक्सप्रेस जो केरल से दिल्ली तक का सफर तय करती है उसमें कुछ ट्रांसपोर्ट का सामान भरा गया । जो आगरा और नई दिल्ली जंक्शन पर उतारा गया । ट्रेन के लीज्ड केबिन संख्या 196668 में ओवरलोडिंग के संशय पर रेलवे सतर्कता दल में छापेमारी किया । टीम की जाँच के दौरान आगरा कैंट स्टेशन पर 67 पैकेट उतारे गए। जिसका पुनः वजन करने पर कुल वजन 2411 किलोग्राम पाया गया। पूरे मॉल के वजन को लेकर आशंका होने पर दिल्ली में उतारे जाने वाले मॉल की जाँच के दौरान कोई अनियमितता न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए सतर्कता दल का एक सदस्य ट्रेन के साथ नई दिल्ली तक गया । नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर में कुल 159 नग पैकेट अथवा बोरे उतारे गए, जिनका वहां दुबारा वजन करने पर 4824.4 किलोग्राम था। इस प्रकार, आगरा कैंट और नई दिल्ली में कुल 226 पैकेज उतारे गए, जिनका संयुक्त वजन 7235.4 किलोग्राम था।
जबकि घोषित प्रपत्र के अनुसार बुकिंग 146 नग पैकेट थे जिनका कुल घोषित वजन 3880 किलोग्राम था। मॉल भेजने वाले की घोषणापत्र में गलत घोषणा के साथ-साथ 3335.4 किलोग्राम अधिक वजन निकला ।
रेलवे सूत्रों की माने तो मेल वाहक बोगियों में एसएलआर क्षमता 3900 किलोग्राम होती है । उसके भार और पैकेज सीमा के विपरीत ट्रेन में धड़ल्ले से मानकों की अनदेखी करके अनियमितता किया गया । रेलवे को राजस्व में लाखो रुपयों की क्षति का अनुमान लगा जिसके बाद सतर्कता दल ने राजस्व के लिए तो जमा कराया लेकिन जनता के जान का जोखिम कैसे कम होगा यह विचारणीय प्रश्न है।
सतर्कता दल में राकेश कुमार तिवारी, शैलेंद्र बहादुर सिंह,
भारत भूषण, अभिषेक सिंह कुशवाहा शामिल रहे।

अतिरिक्त कमाई के चक्कर में आम जनता जीवन से खिलवाड़

एक तरफ रेल मंत्री अश्विन वैष्णव खुद रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था और तकनीक से लैस करने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहे हैं ,लेकिन उन्हीं के अधीनस्थ अधिकारियों की लापरवाही और ट्रांसपोर्ट में लगी कम्पनियों के अतिरिक्त आय की भूख आम नागरिकों के जीवन को संकट में डाल दिया है। जिसका उन्हें जरा भी भय नहीं है। रेलवे की वर्तमान समय में कई दुर्घटनाएं हुई जिसके जाँच में अब इसके पहलू को भी जांच का विषय बनाने की आवश्यकता है। सतर्कता दल के छापेमारी के बाद हुए खुलासे के बाद रेलवे के अधिका

री और कर्मचारी के कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हों स्वाभाविक है । उसके बाद दुर्घटनाओं के कारकों में ओवरलोड को जांच का बिंदु बनाने की आवश्यकता है। जिससे दोषियों पर कार्यवाही हो सके । यहां साफ साफ यह दिख रहा कि निजी कम्पनियां पट्टे पर मॉल धुलाई का टेंडर हासिल करने के बाद किस तरह से अतिरिक्त आय के चक्कर में रेलवे यात्रियों के जीवन से समझौता कर रही हैं।

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