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रिंकू सिंह की BSA नियुक्ति पर सियासत गर्म: सगाई के बाद ठंडी पड़ी फाइल

खेल कोटे की नौकरियों पर फिर बहस तेज

जन एक्सप्रेस/लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के खेल कोटे के तहत इंटरनेशनल खिलाड़ियों को प्रशासनिक पदों पर सीधी भर्ती के फैसले पर अब राजनीति की गर्मी महसूस की जा रही है। क्रिकेटर रिंकू सिंह को बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) बनाए जाने का प्रस्ताव जहां पहले तेजी से आगे बढ़ा, वहीं अब यह मामला प्रिया सरोज से सगाई के बाद ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, 8 जून को समाजवादी पार्टी की सांसद प्रिया सरोज से रिंकू सिंह की सगाई के बाद शासन स्तर से इस फाइल पर कोई विशेष हलचल नहीं देखी गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि फाइल की प्रगति पर फिलहाल ‘ऊपर से’ चर्चा भर की इजाजत है।
क्या है खेल कोटे की नियुक्ति का नियम?
उत्तर प्रदेश सरकार का 26 मई, 2022 का शासनादेश अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को प्रशासनिक पदों पर सीधी भर्ती का अवसर देता है।
इनमें शामिल हैं
•ओलिंपिक / पैरा ओलिंपिक के गोल्ड, सिल्वर, ब्रॉन्ज विजेता
•वर्ल्ड कप, एशियाई खेल, कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल विजेता
इन खिलाड़ियों को बीएसए, बीईओ , एडीआईओएस , डीएसपी जैसे पदों पर बिना प्रतियोगी परीक्षा के नियुक्त किया जा सकता है।
रिंकू सिंह का मामला क्या है?
•क्रिकेटर रिंकू सिंह सिर्फ 9वीं पास हैं।
•फिर भी, खेल कोटे के तहत उन्हें 23 मई को बीएसए नियुक्ति का पत्र बेसिक शिक्षा निदेशक द्वारा भेजा गया था।
•उनसे मेडिकल चेकअप और सहमति पत्र मांगा गया, लेकिन उन्होंने अब तक दस्तावेज शासन को नहीं सौंपे।
बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, अगर कोई खिलाड़ी पद के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता (जैसे ग्रेजुएशन) पूरी नहीं करता है तो उसे 7 साल की मोहलत दी जाती है।
यदि वह इस अवधि में डिग्री पूरी नहीं कर पाया, तो प्रमोशन के लिए वह अयोग्य माना जाएगा, लेकिन नियुक्ति पर असर नहीं पड़ेगा।
क्या राजनीति बन गई बाधा?
प्रिया सरोज से सगाई के बाद रिंकू सिंह को लेकर राजनीतिक अटकलें तेज हो गईं हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, जया बच्चन, और राजीव शुक्ला जैसे नामी नेताओं की मौजूदगी ने इस समारोह को खासा राजनीतिक बना दिया।
अब सवाल उठ रहे हैं कि कहीं राजनीतिक समीकरण तो इस नियुक्ति में अड़चन नहीं बन गए?
किन-किन खिलाड़ियों को मिली सरकारी नौकरी?
खेल कोटे के तहत नियुक्त किए गए कुछ अन्य नाम:
•दीप्ति शर्मा (क्रिकेट)– यूपी पुलिस में डिप्टी एसपी
•पारुल चौधरी (एथलेटिक्स)– डिप्टी एसपी
•अर्जुन देशवाल (कबड्डी)– डिप्टी एसपी
•ललित उपाध्याय (हॉकी) – यूपी पुलिस, डिप्टी एसपी
•दिव्या काकरान (कुश्ती)– नायब तहसीलदार
•विजय कुमार (जूडो) – नायब तहसीलदार
•पुनीत कुमार (नौकायन)– युवा कल्याण अधिकारी
•किरण बालियान (एथलेटिक्स)– क्षेत्रीय वन अधिकारी
भविष्य की दिशा क्या?
रिंकू सिंह को नौकरी चाहिए या वे केवल क्रिकेट पर ध्यान देना चाहते हैं, यह भी अब एक खुला प्रश्न बन गया है। अधिकारियों की मानें तो यदि वे मेडिकल और दस्तावेज नहीं जमा करते, तो शासन उनकी नियुक्ति प्रक्रिया को बंद मान सकता है।
अब निगाहें शासन के अगले कदम पर हैं। क्या खेल पर राजनीति भारी पड़ेगी या खेल के नाम पर नियुक्ति आगे बढ़ेगी?

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