
जन एक्सप्रेस संवाददाता, उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में बादल फटने से आई भीषण त्रासदी के बाद अब तक 150 लोगों को सुरक्षित बचाया जा चुका है, लेकिन 100 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं।
सेना, ITBP, NDRF, SDRF और स्थानीय प्रशासन लगातार जान हथेली पर रखकर राहत-बचाव कार्यों में जुटा हुआ है।
रेस्क्यू टीमें मलबे में फंसी जिंदगियों को तलाश रही हैं।
चारों ओर तबाही, मलबे में फंसी जिंदगी
धराली में पहाड़ों से आए मलबे और पानी ने कई घरों, दुकानों, पुलों और सड़कों को बहा दिया। गांव की गलियों में अब सिर्फ कीचड़, पत्थर और बर्बादी के निशान बचे हैं।
ड्रोन कैमरों और खोजी कुत्तों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन तेज किया गया है।
अब तक 5 मौतों की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 11 सेना के जवान भी लापता हैं।
राहत में बाधा: टूटे रास्ते, बंद हाईवे, टूटा BRO का पुल
गंगोत्री नेशनल हाईवे कई स्थानों पर बह चुका है।
गंगनानी और नाग मंदिर के पास BRO का पुल भी ध्वस्त हो गया, जिससे धराली, हर्षिल और गंगोत्री का संपर्क मुख्यालय से टूट गया है।
भटवाड़ी में नेशनल हाईवे दो जगह बंद है, और रेस्क्यू टीमें कई स्थानों पर फंसी हुई हैं।
हवाई मार्ग ही अब एकमात्र सहारा
भारी तबाही और टूटी सड़कों के चलते अब प्रशासन हेलीकॉप्टर और हवाई सेवा के ज़रिए मदद पहुंचाने की योजना बना रहा है।
मौसम साफ होने का इंतजार किया जा रहा है, ताकि हेलीकॉप्टर राहत सामग्री और टीमें धराली तक पहुंचा सकें।
रेस्क्यू ऑपरेशन: हर हाल में जान बचाना है लक्ष्य
सेना, ITBP, NDRF, और SDRF की टीमें एकजुट होकर काम कर रही हैं।
सेना के जवान गीले मलबे के बीच अस्थायी पुल और रास्ते बनाकर फंसे लोगों तक पहुंच रहे हैं।
ड्रोन की मदद से ऊंचाई से हालात का आकलन किया जा रहा है, ताकि तेजी से बचाव हो सके।
हर रेस्क्यू के बाद लोगों को भोजन, दवाएं और आपात चिकित्सा दी जा रही है।
धराली से बरामद हुआ एक शव, लापता 50 से ज्यादा लोग
मलबे से अब तक एक शव बरामद किया गया है।
बताया जा रहा है कि 50 से ज्यादा लोग लापता हैं।
ITBP और एयरफोर्स की मदद से रेस्क्यू जारी है।
DIG मोहसेन शहीदी (NDRF) ने पुष्टि की कि तीन टीमें घटनास्थल की ओर रवाना हो चुकी हैं।
पीएम मोदी की नजर, हर अपडेट की निगरानी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी से बात कर धराली आपदा की जानकारी ली।
उन्होंने हरसंभव मदद और खुद रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी का आश्वासन दिया है।
उत्तराखंड के सांसद अनिल बलूनी ने बताया कि पीएम मोदी विपदा से बेहद व्यथित हैं और केंद्र से हर मदद भेजने का निर्देश दिया है।
हर्षिल से धराली तक सड़क खोलने में जुटी मशीनें गंगोत्री मार्ग पर तीन स्थानों पर भारी भूस्खलन हुआ है, जिसे हटाने के लिए मशीनें लगाई गई हैं।