
जन एक्सप्रेस/देहरादून(उत्तराखंड) : उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन (यूपीजेईए) ने मंगलवार को ऊर्जा निगम मुख्यालय पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन सहायक अभियंताओं की वर्ष 2008-09 की ज्येष्ठता सूची में वर्ष 2010 में सीधी भर्ती से आए अभियंताओं को वरीयता देने के विरोध में किया गया। एसोसिएशन का आरोप है कि निगम प्रबंधन ने उच्च न्यायालय के स्पष्ट निर्देशों और सेवा नियमों की अवहेलना की है।
एसोसिएशन का कहना है कि उन्होंने न्यायालय के आदेशों और नियमावली की प्रति निगम के मानव संसाधन विभाग को उपलब्ध करा दी थी, बावजूद इसके कमेटी को अधूरी जानकारी दी गई। यूपीसीएल द्वारा उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के वर्ष 2016 के पदोन्नति आदेश को नियमावली के रूप में प्रस्तुत किया गया और उच्चतम न्यायालय के महत्त्वपूर्ण फैसले “मुजीब उर रहमान बनाम यूपी पावर कॉर्पोरेशन” (दिनांक 11 जुलाई 2023) को नजरअंदाज कर दिया गया।
संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि अभियंता सेवा नियमावली 1970 के प्रस्तर 19 को 1998 में प्रतिस्थापित कर दिए जाने की सूचना भी छिपाई गई और नियुक्ति तिथि के आधार पर रोटा-कोटा लागू करने के न्यायालयीय निर्देशों की अनदेखी की गई। विरोध का मुख्य कारण यह है कि पदोन्नत सहायक अभियंताओं को न तो अपना पक्ष रखने का अवसर दिया गया और न ही किसी वैध नियम के तहत ज्येष्ठता सूची तैयार की गई।
जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद वार्ता, लेकिन समाधान नहीं
जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद यूपीजेईए और निगम प्रबंधन के बीच प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में वार्ता जरूर हुई, परंतु उस वार्ता का कोई लिखित कार्यवृत्त जारी नहीं किया गया। इससे नाराज एसोसिएशन ने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है।
11 जून से क्रमिक अनशन की चेतावनी
पूर्व में 14 मई को निगम प्रबंधन को भेजे गए नोटिस के तहत संगठन ने 11 जून 2025 से ऊर्जा निगम मुख्यालय पर क्रमिक अनशन प्रारंभ करने की घोषणा की है। एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि आंदोलन के कारण उत्पन्न किसी भी स्थिति की पूरी जिम्मेदारी निगम प्रबंधन की होगी।
राज्यभर में मिला व्यापक समर्थन
इस आंदोलन को उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ, विद्युत डिप्लोमा संघ, बिजली कर्मचारी संघ, ऊर्जा आरक्षित एसोसिएशन, ऊर्जा कामगार संगठन, हाइड्रोइलेक्ट्रिक यूनियन और विद्युत प्राविधिक संघ समेत कई संगठनों का समर्थन प्राप्त हुआ है। साथ ही, अखिल भारतीय बाबर डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ ने भी मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर यूपीजेईए के पक्ष में समर्थन जताया है।
प्रमुख सहभागी
विरोध प्रदर्शन में पवन रावत, नितिन तिवारी, विमल कुलियाल, निशांत जैन, रेनू जोशी, नवनीत चौहान, सुनील उनियाल, अंकित शर्मा, जगपाल सिंह, राहुल अग्रवाल, राजीव खर्कवाल, संजय कुमार, आनंद रावत, विकास चौहान, विजय जैन, गौरव नाथ, शशिकांत, मनोज कंडवाल, अश्वनी, अवनीश कुमार शर्मा समेत बड़ी संख्या में अभियंता और कर्मचारी शामिल रहे।
एसोसिएशन ने सरकार और निगम प्रबंधन से मांग की है कि न्यायालय के आदेशों का तत्काल पालन करते हुए नियुक्ति तिथि के आधार पर रोटा-कोटा प्रणाली से ज्येष्ठता सूची का पुनर्निर्धारण किया जाए, अन्यथा यह आंदोलन राज्यव्यापी रूप लेगा।






