एसजीपीजीआई के चिकित्सकों ने क्षय रोग से पीड़ित रोगियों को लिया गोद
लखनऊ । क्षय रोग के खात्मे के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार के साथ ही चिकित्सकों ने भी कमर कस ली है। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने चिकित्सा संस्थानों,चिकित्सकों व जन प्रतिनिधियों से क्षय रोग के मरीजों को गोद लेने की अपील की थी। राज्यपाल ने इसकी शुरूआत स्वयं राजभवन की ओर से क्षय रोग के मरीजों को गोद लेकर की थी। अब उनकी पहल रंग ला रही है। राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के चिकित्सकों ने क्षय रोग से पीड़ित रोगी आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को गोद लिया है।
एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. आर. के. धीमन, डाक्टर रिचा, डाक्टर मोनक, डॉ अमित गोयल, डॉक्टर आशिमा, डॉ अपर्णा, डॉक्टर पारिजात, डॉक्टर अब्बास, संजय जैन, सिस्टर नीमा, नीलम, रचना और भावना आर्या ने क्षय रोग के मरीजों को गोद लिया है। यह सभी सुनिश्चित करेंगे कि ऐसे रोगियों को उनके घर के निकटतम डाट केन्द्र पर निशुल्क दवाइयां प्राप्त हो सके। चिकित्सक यह भी सुनिश्चित करेंगे कि गोद लिये गये मरीजों को हाई प्रोटीन आहार जिसमें फल व हरी सब्जियां मिल रही है कि नहीं।
हां हम टी बी का खात्मा कर सकते हैं”
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में विश्व क्षय दिवस को मनाने के लिए एक क्रमिक चिकित्सा शिक्षा व क्षय रोगियो को गोद लेने और उनके पोषण का कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन के कुशल नेतृत्व में माइक्रोबायोलॉजी विभाग की एडिशनल प्रोफेसर डॉक्टर रिचा मिश्रा और पल्मोनरी विभाग के अध्यक्ष डॉ आलोक नाथ के द्वारा आयोजित किया गया। इस वर्ष की थीम है – “हां हम टी बी का खात्मा कर सकते है”।