
जन एक्सप्रेस हरिद्वार।गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में रक्षाबंधन के पावन अवसर पर सामूहिक श्रावणी उपाकर्म का भव्य आयोजन किया गया। देश-विदेश से पधारे हजारों साधकों ने वैदिक परंपराओं के अनुसार श्रावणी उपाकर्म में भाग लिया। प्रशिक्षित आचार्यों द्वारा विधिवत रूप से हेमाद्रि संकल्प, दश स्थान व अन्य वैदिक कर्मकांड संपन्न कराए गए।इस अवसर पर श्रद्धेया शैलदीदी ने साधकों को अपने करकमलों से रक्षासूत्र बाँधा और उन्हें आत्मिक उन्नति, संयम तथा सत्कर्मों के पथ पर अग्रसर होने का आशीर्वाद दिया। वहीं, देश-विदेश से आई बहनों ने गायत्री परिवार के अभिभावक श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या को रक्षासूत्र बाँधकर गुरु-शिष्य परंपरा को भावपूर्ण रूप में जीवंत किया।
कार्यक्रम में “वृक्षो रक्षति रक्षितः” की भावना से विशेष वृक्षारोपण अभियान की शुरुआत की गई। एक पौधे की पूजा कर प्रारंभ हुए इस अभियान के अंतर्गत पूरे मास देशभर में लाखों पौधे रोपने का संकल्प लिया गया।शैलदीदी ने अपने संदेश में कहा कि रक्षाबंधन आत्मिक सुरक्षा, संयम और कर्तव्यपरायणता का प्रतीक है। हमें एक-दूसरे के आत्मिक उत्थान हेतु समर्पित रहना चाहिए। श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या ने कहा कि यह पर्व नारी शक्ति के सम्मान, सामर्थ्य और संरक्षण की गूढ़ भारतीय अवधारणा को दर्शाता है। गायत्री परिवार इस पर्व को आत्मोत्कर्ष और लोकमंगल के संकल्प के रूप में मनाता है।पूरे आयोजन में भावनात्मक वातावरण, वैदिक मंत्रोच्चार और आत्मिक ऊर्जा का अद्भुत संगम देखने को मिला।






