जेलों की व्यवस्था पर डीजी जेल का बड़ा एक्शन,निरीक्षण में दिए सुधार के कड़े निर्देश

जन एक्सप्रेस/लखनऊ: उत्तर प्रदेश के महानिदेशक कारागार पी. सी. मीना ने मंगलवार को राजधानी लखनऊ स्थित जिला कारागार, मॉडल जेल एवं नारी बंदी निकेतन का औचक निरीक्षण कर जेल प्रशासन को चौंका दिया। निरीक्षण के दौरान व्यवस्थाएं संतोषजनक पाई गईं, मगर डीजी जेल ने सुधार की संभावनाओं को देखते हुए कई अहम दिशा-निर्देश भी जारी किए।
डीजी मीना सबसे पहले जिला कारागार पहुंचे, जहां उन्होंने एक्स-रे बैगेज स्कैनर, वीडियो वॉल, मुलाकात कक्ष, जेल अस्पताल, भंडारा, ई-प्रिजन प्रणाली, हेल्थ एटीएम, पीसीओ तथा महिला अहाते का गहन निरीक्षण किया। उन्होंने वहां की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए कहा कि जेल में तकनीकी नवाचारों का बेहतर उपयोग हो रहा है।
इसके बाद उन्होंने मॉडल जेल लखनऊ में संचालित प्रिंटिंग प्रेस, पावर लूम और कागज़ उद्योग की कार्यप्रणाली की समीक्षा की। उन्होंने इन इकाइयों में मशीनों के आधुनिकीकरण और उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार हेतु आवश्यक निर्देश दिए, ताकि बंदियों को कौशल विकास के अधिक अवसर मिल सकें।
निरीक्षण के क्रम में जेल परिसर स्थित गौशाला का भी दौरा किया गया, जहां गोवंश की देखरेख की व्यवस्था की डीजी ने व्यक्तिगत रूप से जांच की।
नारी बंदी निकेतन में संवाद और संवेदना
महानिदेशक पी. सी. मीना ने नारी बंदी निकेतन का भी निरीक्षण किया, जहां महिला बंदियों की बैरकों की सुरक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य एवं साफ-सफाई की स्थिति का जायजा लिया गया। इस दौरान उन्होंने महिला बंदियों से संवाद कर उनकी समस्याएं भी सुनीं।
विशेष रूप से परिसर में स्थित क्रेच (शिशु देखरेख केंद्र) का भ्रमण कर उन्होंने वहां मौजूद बच्चों को उपहार भेंट किए और उनके पोषण व देखभाल पर जोर देने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के अंत में डीजी मीना ने जेलों में संचालित विभिन्न नवाचारों और सुधारात्मक प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “कारागार केवल दंड स्थल नहीं, बल्कि सुधार और पुनर्वास का माध्यम भी हैं। व्यवस्थाओं को और अधिक मानवीय व सुदृढ़ बनाना हमारा उद्देश्य है।”






