अंक सुधार परीक्षा मूल्यांकन पर संकट, चॉक डाउन हड़ताल से नाराज़ शिक्षक

जन एक्सप्रेस/उत्तराखंड: उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद के सचिव विनोद सिमल्टी ने शिक्षकों से अपील की है कि वे अंक सुधार परीक्षा के मूल्यांकन का बहिष्कार न करें। उन्होंने बताया कि मूल्यांकन कार्य का आधे से अधिक हिस्सा पूरा हो चुका है। यदि शिक्षक हड़ताल पर अड़े रहे तो परिषद की ओर से अशासकीय स्कूलों के शिक्षकों की मदद से मूल्यांकन कार्य पूरा कराया जाएगा।
दरअसल, पदोन्नति और तबादलों में देरी से नाराज़ शिक्षक चॉक डाउन हड़ताल पर हैं। इस दौरान उन्होंने उत्तराखंड बोर्ड की 10वीं और 12वीं कक्षा की अंक सुधार परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन से दूरी बना ली है। साथ ही, शिक्षकों ने साफ कर दिया है कि वे बीएलओ ड्यूटी भी नहीं करेंगे।
मूल्यांकन कार्य के लिए इस समय देहरादून और हल्द्वानी में दो केंद्र बनाए गए हैं। लेकिन शिक्षक संघ के पदाधिकारी इसे लेकर सख्त रुख अपनाए हुए हैं। राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री रमेश पैन्युली ने कहा कि हड़ताल के दौरान शिक्षक विभाग की डाक नहीं भेजेंगे और न ही विद्या समीक्षा केंद्र को छात्रों-शिक्षकों की उपस्थिति संबंधी जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
संघ के जिला अध्यक्ष कुलदीप कंडारी का कहना है कि जब तक सरकार सीधी भर्ती की प्रक्रिया निरस्त कर शत प्रतिशत पदोन्नति और स्थानांतरण की मांग स्वीकार नहीं करती, तब तक मूल्यांकन बहिष्कार जारी रहेगा। वहीं, जिला मंत्री अर्जुन पंवार ने आरोप लगाया कि सरकार ने पहले सीधी भर्ती रोकने और अनिवार्य स्थानांतरण लागू करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। पूर्व जिला मंत्री नागेंद्र पुरोहित ने चेतावनी दी है कि यदि मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और तेज करना पड़ेगा।






