त्याग और सेवा की मिसाल: दर्शनी देवी का अद्भुत योगदान

जन एक्सप्रेस/उत्तराखंड।
रूद्रप्रयाग। रूद्रप्रयाग जनपद की 80 वर्षीय दर्शनी देवी पत्नी स्वर्गीय कबूतर सिंह रौथाण ने यह साबित कर दिया कि सच्ची देशभक्ति और सेवा का कोई उम्र या परिस्थिति से संबंध नहीं होता। उन्होंने अपनी वृद्धावस्था पेंशन में से बचाई हुई पूँजी की 2 लाख रुपये की धनराशि प्रधानमंत्री केयर फंड में आपदा प्रभावितों की सहायता हेतु दान कर दी।
बलिदान की विरासत
दर्शनी देवी के पति कबूतर सिंह रौथाण भारतीय सेना में जवान थे, जिन्होंने सन 1965 के युद्ध में मातृभूमि की रक्षा करते हुए वीरगति पाई। उस समय दर्शनी देवी बहुत ही कम उम्र में विधवा हो गई थीं। जीवन की इस कठिन घड़ी में उन्होंने टूटने के बजाय साहस और त्याग का मार्ग चुना।
पेंशन से संचित धनराशि का दान
पति की शहादत के बाद दर्शनी देवी को जो पेंशन मिलती रही, उसी से उन्होंने जीवनयापन किया और धीरे-धीरे अपनी छोटी-छोटी बचत से 2 लाख रुपये जोड़े। आज जब उत्तराखंड सहित देश के कई हिस्सों में प्राकृतिक आपदा से लोग प्रभावित हुए, तो उन्होंने अपनी संचित पूँजी बिना किसी हिचकिचाहट के जरूरतमंदों की सेवा में समर्पित कर दी।
सेवा और त्याग की प्रेरणा
छोटी उम्र में पति की शहादत झेलने के बाद भी दर्शनी देवी ने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने त्याग और सेवा को ही अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया। आज उनका यह योगदान हम सभी को यह सिखाता है कि समाज और देश के लिए सेवा भावना ही सच्चा धर्म है।
नमन उस माँ को
दर्शनी देवी जैसी विभूतियाँ ही समाज को प्रेरणा देती हैं। उनका यह कदम न केवल आपदा प्रभावितों के लिए संबल बनेगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए देशभक्ति, त्याग और मानवीय सेवा की अनूठी मिसाल भी है।






