उत्तराखंड

प्रशिक्षण व्यक्ति को नयापन प्रदान करने की कला : प्रो. शतांशु

हरिद्वार । प्रशिक्षण व्यक्ति को कुशलता एवं नयापन प्रदान करने की कला है। एक कुशल व्यक्ति ही जीवन की कठिनाई को बेहतर समझकर उसे सरल बनाने में सक्षम होता है। वह कुशलता के बल पर समाधान को रचनात्मक एवं प्रेरक बनाने का कारीगर होता है। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के डीन, छात्र कल्याण व शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विगत एक माह से चल रहे खेल कुशलता विकास के लिए प्रशिक्षण शिविर में प्रतिभा सम्मान एवं समापन समारोह के साथ प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु ने शिविर में भाग लेने वाले छात्रों एवं प्रशिक्षकों को सम्मानित किया।

उन्होंने कहा कि स्वस्थ्य शरीर आज की सबसे बड़ी मांग है। केवल संतुलित भोजन द्वारा ही स्वथ्य नहीं रहा जा सकता है। दैनिक जीवन शैली के तीन बिन्दु-आहार, निद्रा एवं ब्रह्मचर्य में सन्तुलन स्थापित करने से ही स्वास्थ्य की परिकल्पना पूर्ण हो सकती है। पैकेट बंद खाद्य पदार्थ शरीर के लिए विष के समान है। इनसे श्रेष्ठ घर में बनी बासी रोटी है। आहार सात्विक होने से मन-वाणी पवित्र होती है।

निद्रा की स्थिति पर कहा कि रात्रि 9 बजे सोने तथा ब्रह्म मुहुर्त में जगने से शरीर में अनेक ऐसे परिवर्तन होते हैं, जो सूर्य उदय के बाद संभव नहीं। देर से जगने वाला व्यक्ति जीवन के इन महत्वपूर्ण परिवर्तन से वंचित रह जाता है। ब्रह्मचर्य व्यक्ति को नियम एवं सीमाओं में रहकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण से व्यक्ति कुशल बनता है, परन्तु कुशलता के लिए भी शरीर का स्वस्थ रहना जरूरी है। इसलिए आहार, निद्रा एवं ब्रह्मचर्य का पालन करने वाला व्यक्ति जीवन में सबसे ज्यादा कुशल एवं प्रशिक्षित बन सकता है।

डीन, योग एवं शारीरिक शिक्षा संकाय प्रो. सुरेन्द्र कुमार त्यागी ने योग में प्राणायाम एवं आसानों के माध्यम से भी शरीर को स्वस्थ बनाने की बात कही। डीन, छात्र कल्याण डॉ. अरूण कुमार ने एक माह तक चले प्रशिक्षण शिविर के उद्देश्य एवं प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुये बताया कि शिविर में 120 छात्रों ने 8 खेलाें में स्वेच्छा से प्रशिक्षण प्राप्त किया।

प्रशिक्षण प्रदान करने वाले शिक्षक एवं प्रशिक्षकों को कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु में डॉ. अजय मलिक (एथलेटिक्स), डॉ. कपिल मिश्रा (बैडमिंटन) डॉ. अनुज कुमार (बास्केटबॉल) डॉ. शिवकुमार चौहान (स्क्वैश) डॉ. प्रणवीर सिंह (कुश्ती एवं भारोत्तोलन) सुनील कुमार (कब्डडी) तथा दुष्यन्त सिंह राणा (हॉकी) में प्रशिक्षण प्रदान करने पर प्रशस्ति-पत्र एवं स्मृति चिह्न द्वारा सम्मानित किया।

इस अवसर पर प्रो. एलपी पुरोहित, प्रो. नवनीत, प्रो. विनय विद्यालंकार, डॉ. मौहर सिंह मीणा, डॉ. अजेन्द्र कुमार, डॉ. मनोज कुमार, डॉ. पवन कुमार, डॉ. बबलू वेदालंकार, डॉ. बालेन्द्र सिंह, डॉ. जय कुमार, डॉ. भारत वेदालंकार, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. दीपक सिंह, डॉ. धर्मेन्द्र बालियान, सिकन्दर रावत, यशवन्त सिंह सहित शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी एवं छात्र उपस्थित रहे।

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