समाज सेवा के नाम पर भू माफिया शिवकुमार तिवारी उर्फ पप्पू तिवारी का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा!
तहसील सरोजनीनगर के तत्कालीन राजस्व कर्मियों की मिली भगत से हुआ करोड़ों रुपए का खेल
जन एक्सप्रेस/विश्वामित्र पांडेय/लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की सरोजिनी नगर तहसील एक बार फिर से चर्चा में है। तथ्यों की मानें तो बंथरा सिकंदरपुर स्थित जिला पंचायत की खसरा संख्या 54/2021 रकबा 0.177 हेक्टेयर भूमि पर पूर्व में संचालित आयुर्वेदिक चिकित्सालय की मौजूदगी के बावजूद भू माफियाओं द्वारा कब्जा कर लिया गया, लेकिन सरकारी अमला हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा। इन अवैध कब्जेदारों में एक प्रमुख नाम शिवकुमार तिवारी उर्फ पप्पू तिवारी का भी है। उक्त भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत किए जाने के बाद जिला पंचायत से लेकर राजस्व कर्मियों के बीच तक खलबली मच गई। जिसके बाद इस मामले को दबाने की कवायद तेज हो गई। इसी बीच शिवकुमार तिवारी उर्फ पप्पू तिवारी द्वारा एक दशकों पुरानी ट्रस्ट की जमीन को हड़पने के लिए एक सोसायटी पंजीकृत कराकर ट्रस्ट की भूमि का सोसायटी के जरिए अपने परिवारजनों को विक्रय कर दिया।
क्या है ठाकुर जी महाराज ट्रस्ट की कहानी?
जानकारों की माने तो कई दशक पहले कुछ दानदाताओं द्वारा श्री ठाकुर जी महाराज के नाम से एक ट्रस्ट का गठन किया गया था, जिसमें स्थानीय लोगों द्वारा ग्राम बंथरा सिकंदरपुर परगना बिजनौर, तहसील सरोजनी नगर जिला लखनऊ स्थित गाटा संख्या 616 रकबा 1.2108 हेक्टेयर भूमि का भी दान किया गया था। भू- दान के साथ ही श्री ठाकुर जी महाराज का एक मंदिर भी बनाया गया था, जिसके संरक्षक एवं प्रबंधकर्ता राम नरायण हुआ करते थे। क्रमशः राम नारायण तिवारी के बाद उनके पुत्र बालकृष्ण तिवारी को श्री ठाकुर जी महाराज ट्रस्ट का संरक्षक नियुक्त किया गया था।
शिवकुमार तिवारी द्वारा बनाई गई समिति की क्या है हकीकत!
राजस्व विभाग द्वारा प्राप्त अभिलेखों के आधार पर नकल खतौनी फसली वर्ष 1417 से 1422 के में आधिकारिक रूप से बालकृष्ण तिवारी निवासी ग्राम अंबरपुर माजरा बंथरा सिकंदरपुर परगना बिजनौर व तहसील जिला लखनऊ को श्री ठाकुर जी महाराज ट्रस्ट के प्रबंध कर्ता के रूप में माना गया है। राजस्व अभिलेखों की मानें तो श्री ठाकुर जी महाराज के नाम दर्ज खतौनी भूमि गाटा संख्या 616 रकबा 1.218 हेक्टेयर को अवैध तरीके से हड़पने की नीयत से बालकृष्ण तिवारी के बेटे शिवकुमार तिवारी उर्फ पप्पू तिवारी द्वारा सरकारी महकमें को भ्रमित करने के लिए 01 मई 2010 को श्री ठाकुर जी महाराज सेवा समिति ग्राम अंबरपुर पोस्ट बंथरा जिला लखनऊ के नाम से पंजीकृत कराई गई। इस समिति में अध्यक्ष समेत कुल 11 लोगों को शामिल किया गया।
जो भूमि सार्वजनिक हित की थी उस पर कैसे हो गया पप्पू तिवारी का एकाधिकार?
01 मई सन 2010 में शिवकुमार तिवारी द्वारा श्री ठाकुर जी महाराज सेवा समिति का गठन किया गया, राजस्व अधिकारियों से मिलीभगत करके श्री ठाकुर जी महाराज ट्रस्ट की भूमि गाटा संख्या 616 में नाम का संशोधन कर दिया गया। इसके बाद राजस्व अभिलेखों में खतौनी पर श्री ठाकुर जी महाराज प्रबंध करता बालकृष्ण के स्थान पर श्री ठाकुर जी महाराज सेवा समिति प्रबंध कर्ता बालकृष्ण हो गया। गाटा संख्या 616 की खतौनी पर प्रदर्शित नाम और 01 मई 2010 को भूमाफिया शिवकुमार तिवारी द्वारा सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1860 के अंतर्गत पंजीकृत की गई समिति का नाम एक हो गया।
क्या कहते हैं राजस्व विभाग के प्रमाणित abhilekh?
राजस्व विभाग में मौजूद अभिलेखीय आधार पर नायब तहसीलदार नगर के आदेश संख्या 39020500700/बंथरा सिकंदरपुर / 1417- 1422/1/00763/(1- 2) के क्रम में खाता संख्या 763 के समक्ष अंकित श्री ठाकुर जी महाराज सेवा समिति प्रबंधक बालकृष्ण पुत्र रामनारायण के स्थान पर श्री ठाकुर जी महाराज सेवा समिति प्रबंधक शिवकुमार तिवारी पुत्र बालकृष्ण तिवारी निवासी अमरपुर, मजरा बंथरा सिकंदरपुर परगना बिजनौर तहसील व जिला लखनऊ के नाम दिनांक 12 जून 2009 को रिकॉर्ड में दर्ज किया गया।
जब समिति के नाम हुई जमीन तो नहीं था समिति का नामोनिशान!
सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि जब नायक तहसीलदार के आदेश दिनांक 12 जून 2009 के क्रम में बंथरा सिकंदरपुर स्थित भूमि गाटा संख्या 616 श्री ठाकुर जी महाराज सेवा समिति प्रबंधक बालकृष्ण पुत्र रामनारायण के स्थान पर श्री ठाकुर जी महाराज सेवा समिति प्रबंधक शिवकुमार तिवारी पुत्र बालकृष्ण तिवारी में परिवर्तित हुआ तब श्री ठाकुर जी महाराज सेवा समिति का पंजीकरण हुआ ही नहीं था। वही सोसाइटी रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा प्राप्त अभिलेखों के अनुसार श्री ठाकुर जी महाराज सेवा समिति का पंजीकरण भू अभिलेख में नाम परिवर्तन के 11 महीने बाद 01 मई 2010 को हुआ है।
बड़ा सवाल!
तत्कालीन लेखपाल द्वारा की गई सबसे बड़ी धांधली की जांच कब होगी?
श्री ठाकुर जी महाराज प्रबंध करता बालकृष्ण, श्री ठाकुर जी महाराज सेवा समिति प्रबंधक शिवकुमार तिवारी में कैसे परिवर्तित हुई?
आखिर सोसायटी रजिस्टार द्वारा कब कराई जाएगी 2010 में पंजीकृत की गई श्री ठाकुर जी महाराज सेवा समिति की जांच?