कतर्नियाघाट सेंचुरी क्षेत्र में पर्यटकों की घटती संख्या को लेकर विभाग ने उठाई ठोस कदम
प्रवेश व नौकायन समेत अन्य शुल्क में की गई कमी
जन एक्सप्रेस/अजय त्रिपाठी
बहराइच। कतर्नियाघाट वन्य सेंचुरी में पर्यटकों की संख्या तेजी से घट रही है। जिसको लेकर विभागीय अधिकारियों की चिंता बढ़ी है। पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए विभाग ने कई ठोस कदम उठाए हैं। पर्यटकों को लुभाने के लिए विभाग ने विभिन्न प्रकार के शुल्क में कटौती की है। प्रवेश शुल्क से लेकर नौकायन तक सभी शुल्क में कटौती की है। साथ ही बच्चों का प्रवेश शुल्क समाप्त कर दिया गया है।
विभागीय अधिकारियों की मानें तो बीते वर्षों में कतर्नियाघाट में आने वाले पर्यटकों की संख्या आधी से भी कम हो गई है। जिससे विभाग को लक्ष्य के अनुसार राजस्व नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में विभाग ने पांच साल से कम उम्र के स्कूली बच्चों का कतर्नियाघाट में प्रवेश निशुल्क कर दिया है।
इस वर्ष नवंबर से पर्यटकों की संख्या में इजाफा होने का अनुमान
वयस्क पर्यटकों के शुल्क भी आधे कर दिए गए हैं। अब पर्यटकों से ₹300 शुल्क की जगह ₹150 वसूल किया जाएगा। पर्यटकों की सबसे पसंद सफारी का शुल्क 2000 रुपये से घटकर 500 रुपये कर दिया गया है। पर्यटक अब ₹250 के स्थान पर ₹100 शुल्क अदा कर नौकायन का आनंद ले सकेंगे। शुल्क कम करने के सभी निर्णय दुधवा बाघ संरक्षण फाउंडेशन की गवर्निंग बाडी की बैठक में लिए गए हैं। इस बैठक में पर्यटकों को आकर्षित करने और उनकी सुविधा के लिए जंगल के करीब होटल खोलने के लिए निवेशकों को आकर्षित करने का भी निर्णय लिया गया। जंगल मे पड़ने वाले रास्तों को भी दुरुस्त कराए जाने पर सहमति बनी है।
प्रभागीय वनाधिकारी कतर्नियाघाट आकाशदीप बधावन ने बताया कि बैठक में हुए निर्णयों से पर्यटकों के बढ़ने की पूरी संभावना है। उन्होंने बताया 2022 तक कतर्नियाघाट में पर्यटकों की संख्या लगभग 25 हज़ार प्रति वर्ष थी, लेकिन रेट बढ़ने से यह संख्या सिर्फ 12 हजार रह गई। लिहाजा अब यह रेट 2010 के रेट के बराबर हो गए हैं। जिससे पर्यटकों को काफी आसानी होगी। देखना यह है कि विभाग की ओर से उठाए गए इस फैसले का पर्यटकों की संख्या पर क्या प्रभाव पड़ता है। वैसे पर्यटक नवंबर के महीने से जंगल भ्रमण की ओर रुख करते हैं। विभाग भी 15 नंबर के बाद भ्रमण की अनुमति देता है।