पत्रकार ने अपनी जान के साथ ही झूठे मामले में फंसाये जाने का अंदेशा जताया
एसडीएम और सीओ के खिलाफ मुख्यमंत्री और कमिश्नर से लिखित शिकायत कर इंसाफ की लगाई गुहार

जन एक्सप्रेस/हमीरपुर : उत्तर प्रदेश में यूँ तो आये दिन किसी न किसी पत्रकार पर हमले की खबर मीडिया की सुर्खियों में छाई रहती है। जिसके बाद पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। लेकिन ताजा चौकाने वाला मामला उत्तर प्रदेश के हमीरपुर के राठ से सामने आया है। जिसके बाद प्रदेश के पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर बड़े सवाल उठ रहे हैं, कि क्या अब मुख्यमंत्री योगी की सरकार में उनके ही प्रशासनिक अधिकारियों से पत्रकारों की सुरक्षा और जान को भी खतरा पैदा हो गया है?
दरअसल राठ तहसील कस्बे के सिकंदरपुरा निवासी राष्ट्रीय सहारा क्राईम रिपोर्टर रोहित चौबे ने अपनी जान को खतरा बताते हुये उसे फर्जी मामले में फंसाये जाने का इल्ज़ाम लगाकर राठ एसडीएम अभिमन्यु कुमार और सीओ राठ राजीव प्रताप सिंह को कटघरे में खड़े करते हुये एक दर्जन लोगों के दस्तखत युक्त मुख्यमंत्री को संबोधित शिकायती पत्र चित्रकूटधाम मण्डल के कमिश्नर अजीत कुमार को देकर इंसाफ दिलाने की गुहार लगाने के साथ ही दोनों अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही किये जाने के साथ ही सुरक्षा दिलाये जाने की मांग करते हुये उसके साथ होने वाली किसी भी घटना के लिये दोनों ही अधिकारियों को जिम्मेदार माने जाने की बात कहकर सनसनी मचा दी है।
उक्त पत्रकार ने कमिश्नर को दी गई अपनी शिकायत में कहा है कि जब से उक्त दोनों अधिकारियों ने राठ तहसील का चार्ज संभाला है, तभी से तहसील क्षेत्र में अवैध मोरम, मिट्टी खनन का परिवहन, अवैध लकड़ी कटान के साथ ही अवैध गुटके का कारोबार धडल्ले से बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, जबकि उक्त पत्रकार अपनी खबरों के जरिये इन सभी मामलों का खुलासा करता रहता है। जिसके चलते दोनों ही अधिकारी उस्से खुन्नस रखते हैं, और इसी खुन्नस के चलते दोनों अधिकारियों ने जानबूझकर उसके साथ 28 जुलाई 25 को इस घटना को अंजाम दिया गया है। अब देखना ये होगा कि, पत्रकार रोहित चौबे की लिखित शिकायत के बाद उक्त दोनों ही अधिकारियों के खिलाफ शासन प्रशासन किस तरह की कार्यवाही कर उसे इंसाफ दिलाता है।






