प्रसूता को इलाज से किया इनकार, विधायक की भी नहीं सुनी
हाई लेवल जांच कमेटी गठित

जन एक्सप्रेस/लखनऊ/बहराइच : उत्तर प्रदेश के बहराइच स्थित महाराजा सुहेलदेव मेडिकल कॉलेज की लापरवाही एक बार फिर सवालों के घेरे में है। एक प्रसूता महिला को न तो भर्ती किया गया और न ही इलाज मिला। हैरानी की बात ये रही कि स्थानीय विधायक सुभाष त्रिपाठी के हस्तक्षेप के बावजूद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने कोई सुनवाई नहीं की। अब इस पूरे मामले में शासन ने गंभीरता दिखाते हुए उच्चस्तरीय जांच समिति गठित कर दी है।
विधायक ने खुद की डॉक्टरों से बात, फिर भी नहीं मिला इलाज
मामला तब तूल पकड़ गया जब बहराइच विधायक सुभाष त्रिपाठी ने खुद मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय खत्री और डॉ. अन्नू श्रीवास्तव से बात की, लेकिन नतीजा सिफर रहा। न तो प्रसूता को इलाज मिला और न ही जनप्रतिनिधि के फोन का कोई असर हुआ। महिला को आखिरकार मजबूरी में निजी अस्पताल का रुख करना पड़ा।
शिकायत पर शासन में मचा हड़कंप
विधायक त्रिपाठी ने पूरे मामले की शिकायत शासन से की, जिसके बाद शासन में हड़कंप मच गया। प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चस्तरीय जांच समिति गठित कर दी है।
ये अफसर करेंगे जांच
- किंजल सिंह, डीजी चिकित्सा शिक्षा
- कृतिका शर्मा, विशेष सचिव
- नीतू सिंह, प्रोफेसर आरएमएल
ये तीनों अधिकारी मेडिकल कॉलेज की कार्यशैली, लापरवाही और चिकित्सकीय अनदेखी की जांच करेंगे।
कड़ी कार्रवाई के संकेत
सूत्रों की मानें तो जांच में दोषी पाए गए डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी विभागीय कार्रवाई तय मानी जा रही है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि मामले की रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय तक भेजी जा सकती है।
जनता में आक्रोश, सिस्टम पर उठे सवाल
इस लापरवाही से आम जनता में गहरा आक्रोश है। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि जब एक विधायक की बात नहीं सुनी गई, तो आम मरीजों के साथ कैसा व्यवहार किया जा रहा होगा?
अब देखना होगा कि शासन की जांच समिति इस मामले में कितनी तेजी दिखाती है और दोषियों को कब तक सजा मिलती है।






