उत्तर प्रदेशचित्रकूट

चित्रकूट में ‘दंत चिकित्सा’ पर त्रिदिवसीय सेमिनार का शुभारम्भ

भारत तथा इंग्लैंड के वरिष्ठ डेंटिस्ट दंत चिकित्सा के क्षेत्र में बदलते प्रतिमान पर कर रहे मंथन

जन एक्सप्रेस चित्रकूट: दीनदयाल शोध संस्थान, इंडियन डेंटल एसोसिएशन-यूके तथा सेवा-यूके के संयुक्त तत्वावधान में चित्रकूट में “दंत चिकित्सा के क्षेत्र में बदलते प्रतिमान : नवोन्मेष एवं उनके आगे का भविष्य” पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ शुक्रवार को दीनदयाल परिसर के लोहिया सभागार में किया गया। इस अवसर पर भरत मंदिर के महंत श्री दिव्य जीवन दास जी महाराज, दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव श्री निखिल मुंडले, लंदन के वरिष्ठ डेंटिस्ट डॉ नरेश शर्मा, चित्रकूट के सीएमओ डॉ भूपेश द्विवेदी, मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ अशोक खंडेलवाल, जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शिशिर पांडेय, इंडियन डेंटल एसोसिएशन यूके के अध्यक्ष डॉ मनु सिंघल, भारतीय दंत चिकित्सा संघ के सचिव डॉ. अशोक ढोबले प्रमुख रूप से मंचासीन रहे।दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव निखिल मुंडले ने कहा कि श्रद्धेय नाना जी द्वारा प्रारंभ डीआरआई का दंत चिकित्सा विभाग क्षेत्र के लिए वरदान है। लंदन के डेंटिस्ट डॉ नरेश शर्मा जी के अथक प्रयास से दंत चिकित्सा के क्षेत्र में प्रगति के नए सोपान तय किए गए हैं‌।इंडियन डेंटल एसोसिएशन यूके के अध्यक्ष डॉ मनु सिंघल ने अपने लंदन के सहयोगियों द्वारा भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में डेंटल हेतु किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। लंदन के डेंटिस्ट डॉ नरेश शर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्र ऋषि नाना जी के आग्रह पर उन्होंने दंत चिकित्सा चित्रकूट में प्रारंभ की और आज यूके के 500 से अधिक लोग हमारा सहयोग कर रहे हैं। मैं सौभाग्यशाली हूं जो मुझे सेवा का अवसर मिल रहा है।जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शिशिर पांडेय ने कहा कि चित्रकूट तपोस्थली है यहाँ काम करने से एक अलौकिक शक्ति मिलती है। भारत की डेंटिस्ट्री दुनिया की सबसे अच्छी डेंटिस्ट्री है। चिकित्सीय ज्ञान के साथ-साथ अगर आध्यात्मिकता का समावेश हो तो आधी से ज्यादा तकलीफ स्वत: ही दूर हो जाती है। मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ अशोक खंडेलवाल ने कहा कि डेंटल चिकित्सा यूके के साथ मिलकर डिजिटल हो रहा है। जो बच सकता है उसे बचाना प्रत्यारोपण से बेहतर है। हमें नवाचार पर फोकस करना है। हमारे काम में स्व का बोध होना चाहिए, हम अपनी मातृभाषा का सम्मान करें।भरत मंदिर के महंत दिव्यजीवन दास जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि नाना जी ने चित्रकूट को अपनी कर्म भूमि बनाकर पूरी दुनिया के सामने ग्रामोदय विश्वविद्यालय और ग्राम विकास की जो अवधारणा प्रस्तुत की है वह अकल्पनीय है। हम सब नाना जी के विम्ब से प्रतिबिंबित हो रहे हैं।उद्घाटन सत्र के अंत में दीनदयाल शोध संस्थान के राष्ट्रीय संगठन सचिव अभय महाजन ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि श्रद्धेय नाना जी की मुलाकात डेंटिस्ट डॉ नरेश शर्मा से इंग्लैंड में हुई थी, उस समय उन्होंने कहा कि लंदन जैसी डेंटिस्ट सुविधा चित्रकूट के गांवों में भी मिलना चाहिए और उसके बाद से अब चित्रकूट के ग्रामीण क्षेत्र में आरोग्यधाम के सहयोग से दंत शिविर नियमित लगाए जा रहे हैं, क्लेफ्ट सर्जरी कैंप भी चित्रकूट में सफलतापूर्वक संचालित हुए है। उन्होंने आईडीए यूके को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आरोग्यधाम की डेंटल टीम को इस आयोजन के लिए बधाई दी।उद्घाटन सत्र का संचालन करते हुए दीनदयाल शोध संस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ वशिष्ठ ने बताया कि इस सम्मेलन का उद्देश्य दंत चिकित्सा में उच्चतम अंतर्राष्ट्रीय मानकों को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्टता पर ध्यान केंद्रित करना है, साथ ही नवीनतम तकनीकों, डिजिटल दंत चिकित्सा, दंत प्रत्यारोपण और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन भी शामिल हैं। वास्तविक दुनिया में प्रभाव पैदा करने वाले उन्नत ज्ञान को जमीनी स्तर पर मौखिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के साथ जोड़ना और दंत चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान के अवसरों में ब्रिटेन और भारत के बीच दीर्घकालिक साझेदारी का निर्माण करना है।तीन दिन तक चलने वाले इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में संबंधित विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न तकनीकी सत्रों के माध्यम से अपने पूर्वानुभवों और आगे की रणनीति पर विमर्श होगा। यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन भारत तथा इंग्लैंड के वरिष्ठ दंतचिकित्सकों, शिक्षाविदों, शोधार्थियों तथा विषय के छात्रों को एक साझा मंच पर लाने का प्रयास है, जहां दंतचिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों और इस क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं पर विशेषज्ञ विमर्श करेंगे, साथ ही दंतचिकित्सा क्षेत्र के शोधार्थियों एवं छात्रों हेतु नवाचारों, सेवा, शोध एवं शिक्षा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के विषय में बहुमूल्य जानकारी पाने का अवसर रहेगा।इस सम्मेलन में विभिन्न तकनीकी सत्रों जिसमें सामान्य दंत चिकित्सा पद्धति में मौखिक कैंसर का शीघ्र पता लगाना, डिजिटल इम्प्लांट डेंटिस्ट्री सौंदर्य और कार्यक्षमता, क्लेफ्ट और बर्न सर्जरी, बच्चों और किशोरों में गंभीर और जटिल आघात के बाद दंत प्रबंधन और स्वतः प्रत्यारोपण के लिए नवीन दृष्टिकोण तथा भारत के इंटीरियर गांवों में मुस्कान और जीवन में परिवर्तन लाने के सकारात्मक प्रयासों पर प्रख्यात दंत एक्सपर्ट द्वारा विमर्श किया जाएगा‌ और वरिष्ठ दंत एक्सपर्ट अपने पूर्वानुभवों को विभिन्न तकनीकी सत्रों के माध्यम से प्रस्तुत करेंगे।

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