देश

राजस्थान से जनजाति युवा उदयपुर के लिए रवाना

उदयपुर । जनजाति सुरक्षा मंच राजस्थान के आह्वान पर रविवार को उदयपुर में आहूत अखिल राजस्थान हुंकार डीलिस्टिंग महारैली में जनजाति बंधुओं की हुंकार अलसुबह से ही शुरू हो गई। कोटा-हाड़ौती क्षेत्र से जनजाति बंधु सूर्योदय से पूर्व ही हुंकार भरते हुए उदयपुर के लिए रवाना हो गए तो सूर्योदय के साथ ही अन्य जिलों से भी जनजाति बंधुओं के वाहनों ने गियर बदलना शुरू कर दिए। तेज हवा और लगातार रह-रह कर हो रही बारिश भी उनके कदम नहीं रोक सकी। इधर, उदयपुर में आने वाले जनजाति बंधु-बांधवों के लिए शहर की मातृशक्ति ने भी सुबह से भोजन पैकेट की तैयारी शुरू कर दी। दस बजे बाद उदयपुर शहर व समीपवर्ती गांवों में कार्यकर्ताओं ने भोजन पैकेट एकत्र करना शुरू कर दिया।

जितना उत्साह जनजाति बंधुओं के उदयपुर आने में नजर आ रहा था, उतना ही उत्साह घर-घर में भोजन पैकेट बना रही मातृशक्ति मंे नजर आया। अड़ोस-पड़ोस में पूछ-पूछ कर खराब नहीं होने वाले व्यंजन बनाए गए। किसी-किसी ने तो आम की केरियां भी भोजन पैकेट में रख दीं। कहीं भोजन पैकेट एकत्र करने वाले कार्यकर्ता नहीं पहुंचे तो माताएं स्वयं उन तक पहुंचती नजर आईं।

इधर, कोटा से निकले जनजाति बंधुओं की टोली ने मार्ग में सांवरिया सेठ के दर्शन किए और वहीं पर सुबह का भोजन किया। राजसमंद, सलूम्बर, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ सहित विभिन्न क्षेत्रों से जनजाति बंधु मस्ती में पारम्परिक गीत गाते, नारे लगाते उदयपुर की ओर बढ़े। कई युवा पारम्परिक शस्त्रों सहित पारम्परिक वाद्य यंत्रों को भी सजाधजा कर लाते हुए नजर आए।

इस बीच, उदयपुर में हुंकार रैली के मद्देनजर विभिन्न संगठनों ने देर रात तक काम करते हुए चौराहों पर पताकाएं, बैनर आदि लगाए। सुबह होते ही गांधी ग्राउण्ड और मार्गों की सजावट के लिए कार्यकर्ता जुटे, तो रंगोली सजाने के लिए बहनें पहुंचीं। लगातार हो रही बारिश के बीच भी कार्यकर्ताओं को उत्साह देखते ही बना।

गौरतलब है कि दोपहर साढ़े तीन बजे बाद उदयपुर में पांच जगहों से जनजाति बंधुओं की शोभायात्राएं निकलेंगी जो विभिन्न मार्गों से होती हुई गांधी ग्राउण्ड पहुंचेंगी। वहां विशाल सभा होगी। सभा में संविधान के आर्टिकल 342 में संशोधन की मांग उठाई जाएगी। जनजाति समाज की मांग है कि जिन लोगों ने अपने पूर्वजों की संस्कृति, आस्था से नाता तोड़ कर अन्य आस्था की शरण ले ली है, उन्हें जनजाति होने की वजह से जो संविधान प्रदत्त अधिकार व सुविधाएं प्राप्त हैं, उनसे हटाया जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button